17 भेड़ों को 3 भाइयों में बांटकर यूपीएससी में 10 वीं रैंक लाकर शिवपुरी के तन्मय बन गए कलेक्टर | SHIVPURI NEWS

शिवपुरी। शहर के एक छोटे से गांव से निकलकर यूपीएससी की परीक्षा में अब्बल नंबर हासिल करने बाले तन्मय ने आज शिवपुरी समाचार से खास मुलाकात की। मुलाकात करते हुए तन्मय बशिष्ठ ने बताया है कि कैसे उन्होंने तैयारी की। इस तैयारी के बाद उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया है। 

तन्यम की 10 वी रैंक  हासिल करने के बाद तन्मय की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। तन्यम इस एक्जाम में पहले भी फाईट कर चुके थे। उसकी रैंक कम थी जिसके चलते उन्हें आईपीएस रैंक मिली। इस दौरान वह उन्होने अपने जीवन के खट्टे मीठे अनुभव शिवपुरी समाचार डॉट कॉम से शेयर किए। 

शिवपुरी समाचार डॉट कॉम के जिला ब्यूरो सतेेन्द्र उपाध्याय से बात करते हुए तन्यम बशिष्ठ से उनके जीवन के उतार चढाब के बारे में जानकारी चाही। बात करते हुए उन्होंने बताया कि उन्होने यूपीएससी की परीक्षा पहली बार 2017 में दी थी। उससे पहले वह बैंक में जॉव करते थे। मार्च 2017 में उन्होंने पहली बार परीक्षा दी और फस्ट अटैम्ट में ही उनका चयन आईपीएस में चयन हुआ था। 

इसमें दो कटेक्ट होते है एक होता है स्टेटिक सबाल और दूसरा होता है करंट अफैयर। स्टेटिक सबालों के लिए तो मेने स्टेडर्ड बुक्स की ही हेल्प ली थी। और करंट अफैयर के लिए इंटरनेट का सहारा लिया। इंटरनेट की बजह से और भगवान की क्रपा से मेरा इस बार आईएएस में सिलेक्सन हो गया। 

जब उसने पूछा गया कि जब आपका आईपीएस में चयन हो गया था। तो उसके बाद आपको ऐसा नहीं लगा कि अब जरूरत नही है। तो फिर आपने आईएएस क्यों चुना! इसका जबाव देते हुए तन्मय ने बताया कि जब मेंने तैयारी की शुरूआत की तो उसी समय मेरा उद्देश्य आईएएस की परीक्षा फाईट करना था। आईपीएस के बारे में बताते हुए उन्होंने बताया कि आईपीएस बहुत अच्छी कैडर है। अगर मेरा आईएएस में नहीं होता तो में खुशी खुशी आईपीएस सर्व करता। मेरा सिलेक्शन मनीपुर कैडर में हुआ था। अब एमपी कैडर मिलने की उम्मीद है। 

जब इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए कितने घण्टे की तैयारी करनी चाहिए तो उन्होंने बताया यह जरूरी नही कि इस परीक्षा के लिए कितने घण्टे की बच्चों को तैयारी करनी चाहिए। कितने घण्टे की तैयारी करनी चाहिए यह तो व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह किस तरह से तैयारी करता है। इम्पोर्डटे है कि आप किस क्वालिटी से तैयारी करते है। कितने कोस्ट्रीसेशन से तैयारी करते है। फोकस क्या है आपका इसपर निर्भर करता है। 

जब उनसे पूछा गया कि आज इंटरनेट का जमाना है इस तैयारी में इंटरनेट का कितना योगदान है तो उन्होंने बताया कि इस परीक्षा को फाईट करने में इंटरनेट का बहुत बडा रोल है। आज इंटरनेट पर इस तैयारी से सबंधित सभी मटेरियल आसानी से उपलब्ध हो जाता है। मेने तो पूरी तैयारी ही इंटरनेट के माध्यम से ही की है। 

शिवपुरी के बच्चों को आदर्श आप है उसने लिए तन्मय का संदेश है कि जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है। उसमें सबसे अहम यह है कि आप जिस परीक्षा की तैयारी कर रहे है। उसको सबसे पहले समझ लीजिए। उसके लिए क्या मटेरियल है इम्पोडेंट है उसको सेकेरिकेड करें। उसके बाद आपको हार्ड वर्क तो आपको करना ही पडेगा उसके बाद उन्हें लगता है कि सफलता मिल जाएगी। 

परीक्षा के अंतिम राउण्ड में जब कोई इंटरब्यू में कुछ ऐसा यादगार पल जो चर्चा में रहता है ऐसा कोई अनुभब सामने आया जो आप शेयर करना चाहेंगे। तो उन्होंने जो पल बताया तो वह काफी रौचक था। टीम ने उनसे पूछा कि अगर आपके पास 17 भेड है। एक किसान ने अपनी उन भेडों को उसके तीन बेटों में बांटना है। उसमें से एक बेटे को आधी भेडें देनी है दूसरे को एक तिहाई देना है और तीसरे को छटवां हिस्सा देना है। आप किसी भी भेड को मार नहीं सकते है आप उसे कैसे बांटेंगे। तो तन्मय ने बताया कि वह उन भेडों को किराए पर दे देगा और जो रूपए किराए से मिलेंगे उनको वह बेटों के हिस्से में बटवारा कर देगा। यह सुनकर टीम बडी खुश हुई।