शिवपुरी। नगरीय क्षेत्रों की सड़कों एवं हाईवे पर बेसहारा घूमने वाले गौवंश के लिए गौसदन एवं गौशालाए सहारा बने है, जहां बेसहारा गौवंश सड़कों एवं हाईवे पर विचरण करने के दौरान दुर्घटना के शिकार होते थे, वहीं इन्हें गौसदनों में सुरक्षित रखा गया है। यह सब संभव हुआ है, राज्य शासन द्वारा गौवंश की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए शुरू की गई गौशाला योजना के तहत।
शिवपुरी नगर की विभिन्न सड़कों पर गौपालक दूध निकालने के बाद गौवंश को सड़कों पर विचरण हेतु छोड़ देते थे। जिसके कारण आय दिन सड़कों पर दुर्घटनाएं हो रही थी। साथ ही आवारा सड़कों के किनारे फल एवं सब्जी बेचने वाले इन आवारा पशुओं से काफी परेशान थे। पॉलीथिन में लोग सड़ी, गली सब्जी एवं अन्य खाद्य सामग्री फेक देने पर उसको खाने से भी गौवंश की मृत्यु हो रही थी।
शहर के समीप स्थित खेतों में फसलों को गौवंश नुकसान पहुंचा रहा था। इन आवारा पशुओं को गौसदनों में सहारा मिलने से जहां पॉलिथिन न खाने से पशुओं की मृत्यु पर रोक लगी है, वही दुर्घटनों में भी कमी आई है और किसानों की फसलों की भी सुरक्षा हुई है। इस व्यवस्था की लोगों द्वारा सराहना की है।
शिवपुरी नगर में नगर पालिका द्वारा संचालित गौसदन(कांजी हाउस) में लगभग 350 गौवंश को सहारा मिला है। गौवंश को गौपालकों द्वारा गौसदन से वापस लाने पर गौसदन द्वारा टैग लगाकर अर्थदण्ड भी लिया जा रहा है। अगर यह गौवंश पुनः सड़कों पर आवारा घूमते हुए पाए जाने पर दोगुना अर्थदण्ड का भी प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के गौसदनों एवं गौशालाओं में आवारा गौवंश को रखने के इस निर्णय का जहां जनसामान्य ने स्वागत किया है, वहीं लोगों का कहना है कि आवारा गौवंश को गौशालाओं एवं गौसदनों में रखने से सड़क दुर्घटना में कमी आएगी। वहीं पॉलिथिन न खाने से गौवंश की मृत्यु पर रोक लगेगी।
गौसदनों में रखे गए आवारा पशुओं के लिए चारा, पानी एवं छाया की व्यवस्था नगर पालिका द्वारा की गई है। इन पशुओं का समय-समय पर पशु चिकित्सा विभाग द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कर उपचार भी किया जा रहा है।
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