शिवपुरी| किसान ऋण माफी योजना से सोसायटियों में फर्जीवाड़े की परतें खुलकर सामने आ रहीं हैं। कोलारस में पीरोंठ और करैरा में करही सोसायटी के बाद रन्नौद सोसायटी की जांच रिपोर्ट में कार्रवाई के आदेश जारी हुए हैं। जांच में सामने आया है कि बैंक प्रबंधक व सोसाइटी प्रबंधकों ने फर्जी चेक लगाकर किसानों के खातों से राशि आहरित की है। लेजर में फर्जी एंट्री और बिना एंट्री किए भी राशि निकालकर कर्जदार बनाया गया है।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा रन्नौद की जांच 5 फरवरी को डिप्टी कलेक्टर आरबी सिंडोस्कर व तहसीलदार काेलारस की जांच के दौरान प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था रन्नौद के सहायक हरिशंकर सोनी गैरहाजिर रहे। किसान खलीक अहमद भोपाल में किसी कंपनी में नौकरी करता है। उसने ऋण नहीं लिया। फिर भी बैंक द्वारा बकाया उसके नाम से निकाला। फर्जी हस्ताक्षर से राशि निकाली गई है।
किसान देवी सिंह पुत्र बालचंद निवासी रन्नौद के नाम से ऋण जारी हुआ है। रिकार्ड लेजर एवं किसान चैक देखा और परमिट भी देखा जिसमें हस्ताक्षर मैच नहीं हो रहे। बैंक नस्ती में लगा किसान चेक क्रमांक 64311 देवीसिंह की चेक बुक से जारी नहीं हुआ।
मृतक किसान श्रीकृष्ण पुत्र बासुदेव शर्मा के नाम से सूची में 99 हजार 468 रुपए दर्ज हैं। जबकि लेजर में 1 लाख 26 हजार 198 रुपए हैं। श्रीकृष्ण के बेटे रविशंकर शर्मा ने बताया कि किसान चेक व अनुबंध पर पिता के हस्ताक्षर नहीं बल्कि अन्य व्यक्ति के हैं। शिकायत सही पाई गई। पीरोंठ और करही के बाद रन्नौद सोसाइटी की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई के आदेश हुए हैं।
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