शिवपुरी। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद सांसद ज्योतिरादित्य संधिया के पहले शिवपुरी दौरे में बफादारों को महत्व मिला। वहीं गद्दार उपेक्षित बने रहे। पार्टी विरोधी और सिंधिया विरोधी काम करने वाले अधिकांश नेताओं ने या तो दूरियां बनाकर रखी। जिससे उनकी इज्जत और साख बची रहे और जो भी सामने आए वह उपेक्षित रहे।
सूत्र बताते हैं कि लगभग एक दर्जन कांगे्स नेता निशाने पर रहे। इनमें कोलारस और पोहरी में पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ काम करने वाले शामिल हैं। वहीं शिवपुरी में ऐसे कार्यकर्ता भी चिन्हित किए गए जिन्होंने सिद्धार्थ लढ़ा के बहाने सांसद सिंधिया पर प्रहार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भितरघात का आधार यह नहीं रहा कि कांग्रेस नेताओं की पोलिंग बूथ पर कांग्रेस जीती अथवा भाजपा जीती बल्कि इसके स्थान पर यह फीडबेक लिया गया कि चुनाव मेें उक्त नेता की क्या भूमिका रही।
कोलारस में कांग्रेस की हार पर सांसद सिंधिया काफी संवेदनशील नजर आए। उन्होंने पहले तो कोलारस में पोलिंग बूथ कार्यकर्ताओं की बैठक में साफ तौर पर कहा कि यहां कांग्रेस की हार सिर्फ भितरघात के कारण हुई है और ऐसे भितरघातियों की पहचान कर मैं उनकी स्वयं छटनी करूंगा। इसके बाद दौरेे के अंतिम दिन सांसद सिंधिया ने सिंधिया कार्यालय पर कोलारस क्षेत्र के बड़े नेताओं को एक-एक करके बुृलाया।
इनमें जिला कांग्रेस अध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव, कोलारस नगर पंचायत के अध्यक्ष रविंद्र शिवरहे, शिवनंदन पडरया, जिला पंचायत सदस्य योगेंद्र उर्फ बंटी रघुवंशी, बदरवास नगर पंचायत अध्यक्ष भूपेंद्र उर्फ भोला यादव, प्रहलाद यादव, रघुराज धंधेरा आदि शामिल हैं। कोलारस में पिछले चुनाव में जहां कांग्रेस 25 हजार मतों से जीती थी। वहीं उपचुनाव में जीत का अंतर घटकर 8 हजार मतों पर आ गया था और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र यादव को 720 मतों से पराजय मिली थी।
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस प्रत्याशी ने सिंधिया को भितरघातियों की नामजद शिकायत की है और यहां तक कहा है कि कुछ भितरघातियों ने चतुराई करते हुए अपने पोलिंग पर तो कांग्रेस को जिता दिया। लेकिन अन्य पोलिंगों पर कांग्रेस को हराने में मुख्य भूमिका अदा की। यहां तक कि उन्होंने भाजपा के लिए पैसे भी बांटे। सिंधिया ने कोलारस कस्बे में कांग्रेस की हार पर काफी नाराजी दिखाई। कस्बे में कभी भी कांग्रेस नहीं हारी है।
बदरवास में शिवनंदन पडरया के प्रभाव वाली पोलिंगों पर भी कांग्रेस की हार पर सिंधिया ने अप्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कांग्रेस नेताओं से साफ-साफ कहा कि इस चुनाव मेें किसने पार्टी के लिए काम किया है और किसने नहीं इसकी उन्हें पूरी जानकारी है। सूत्र बताते हैं कि सिंधिया ने बंद कमरे में कोलारस के एक-एक नेता से पूछा कि चुनाव में कांग्रेस की क्यों हार हुई। उन्होंने लोकसभा चुनाव में अभी से जुट जाने का भी आव्हान किया।
वहीं पोहरी विधानसभा क्षेत्र से विजयी कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राठखेड़ा ने भी सूत्रों के अनुसार पार्टी के भितरघातियों की नामजद शिकायत सिंधिया से की है। सूत्र बताते हैं कि उनकी सूची में जहां कुछ धाकड़ नेता वहीं कुछ ब्राह्मण नेता भी शामिल हैं। श्री राठखेड़ा ने सिंधिया से कहा कि अधिकांश भितरघाती बसपा प्रत्याशी को जिताने में जुटे रहे और कांग्रेस प्रत्याशी को हराने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी।
शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में ऐसे नेता और कार्यकर्ता निशाने पर रहे जिन्होंने सिद्धार्थ लढ़ा की जीत की अपेक्षा सांसद सिंधिया को कमजोर करने पर ध्यान केन्द्रित किया। उन्होंने महल के खिलाफ जमकर विषवमन किया और यहीं प्रचारित किया कि इस बार राजे को निपटा दो अगली बार महाराज को निपटा देंगे।
उनकी पोलिंग से मिली कांग्रेस को हार, लेकिन फिर भी बढ़ा बजन
जिला कांग्रेस में दो ऐसे नेता रहे जिनकी पोलिंग से कांग्रेस को पराजय मिली। लेकिन इसके बाद भी सिंधिया दरबार में उनका बजन बढ़ा। पोहरी में कांग्रेस की जीत मेे महत्वपूर्ण भूमिका वरिष्ठ कांग्रेस नेता केशव सिंह तोमर की थी। जिन्होंने सुरेश राठखेड़ा को टिकट दिलाने से लेकर जिताने में अपना योगदान दिया।
हालांकि हर बार की तरह उनकी गुरिच्छा पोलिंग से कांग्रेस को पराजय हांसिल हुई लेकिन यह माना जा रहा है कि पोहरी में प्रतिकूल परिस्थिति में कांग्रेस की जीत का श्रेय जिन्हें मिलना चाहिए उनमें केशव सिंह तोमर प्रमुख हैं। नरवर बेल्ट के जगरामपुर मंडलम में जो कि कुशवाह बाहुल्य है और यह माना जा रहा था कि कांग्रेस यहां से लगभग 5 हजार मतों से पराजित होगी लेकिन श्री तोमर ने इसका जिम्मा स्वयं के साथ-साथ अपने पुत्र नीरज तोमर को दिया और इसका परिणाम यह हुआ कि कांग्रेस यहां से डेढ़ हजार मतों से विजयी हुई।
वहीं कोलारस में हरवीर सिंह रघुवंशी की पोलिंग रिजौदा से कांग्रेस को पराजय मिली। भाजपा ने वीरेंद्र रघुवंशी को उम्मीदवार बनाया था। रिजौदा पोलिंग रघु्रवंशी बाहुल्य है और इसी कारण इस पोलिंग पर कांग्रेस पराजित हुई। लेकिन कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हरवीर सिंह रघुवंशी ने इसकी जानकारी मतदान के पूर्व ही वरिष्ठ नेताओं को दे दी थी और पूरे चुनाव में वह कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र यादव के साथ खड़े रहे। इस कारण उनका भी बजन सिंधिया दरबार में बढ़ा।
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