शिवपुरी। ग्वालियर इंदौर इंटरसिटी एक्सप्रेस से गुरुवार की रात पाडरखेडा स्टेशन के समीप एक मवेशी के टकरा जाने से इंजन क्षतिग्रस्त हो गया। मवेशी इंजन में फंस जाने से 20 मिनट तक ट्रेन जंगल में खडी रही। किसी तरह मवेशी को इंजन से अलग किया गया। इसके बाद किसी तरह ट्रेन शिवपुरी स्टेशन तक आई। पाडरखेड़ा और शिवपुरी के बीच करीब 35 किमी का फासला है। ट्रेन इस रास्ते में रेंगकर शिवपुरी स्टेशन पहुंची।
यहां ट्रेन चालक ने इंजन की पड़ताल की और कैटल गार्ड सहित अन्य आवश्यक पाइप चेक किए। करीब आधे घंटे का समय शिवपुरी स्टेशन पर लगा। इसके बाद ट्रेन गुना के लिए रवाना हुई। स्टेशन मास्टर उमेश मिश्रा ने बताया कि मवेशी टकराने से ट्रेन पहले पाडरखेड़ा के समीप और बाद में शिवपुरी स्टेशन पर आवश्यक रखरखाव के बाद आगे के लिए रवाना की गई।
मवेशी टकराने का यह पहला मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी मवेशी गुना और ग्वालियर के बीच ट्रेन से टकराते रहे हैं। बीते दिनों इंटरसिटी से मवेशी टकराने के बाद इंजन फेल हो गया था। ट्रेन जंगल में खड़ी हो गई थी। इसके बाद ग्वालियर से इंजन मंगाया गया और ट्रेन को रवाना किया गया। इस फेर में करीब 4 ट्रेनें प्रभावित हुई थीं, जिन्हें देरी से गंतव्य पर जाना पड़ा।
ताजा मामला दो दिन पहले का है, जब गुना से ग्वालियर जा रही पैसेंजर से करसेना के निकट एक ट्रैक्टर टकरा गया था। इसके नतीजे में पटरी उखड़ गई थी और ट्रेन जंगल में खड़ी रही, जबकि दूसरी ट्रेन मोहना स्टेशन पर खड़ी रही। राहत ट्रेन गुना से बुलाई गई और पांच घंटे बाद इंजन बदलकर पैसेंजर को ग्वालियर भेजा गया और मोहना पर खड़ी इंटरसिटी को इंदौर रवाना किया गया। इससे पहले भी हादसे लगातार घटित होते रहे हैं। शिवपुरी बदरवास के बीच अब तक एक सैकड़ा से अधिक मवेशी दुर्घटना में मारे गए हैं। वहीं ट्रेन भी दुर्घटना का शिकार होने से बची है।
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