शिवपुरी। शिवपुरी विधानसभा भाजना की अजेय सीट मानी जाती है। शिवपुरी विधानसभा से भाजपा से नाम यशोधरा राजे सिंधिया है, टिकिट फायनल और उन्होने दौरे भी शुरू कर दिए हैं,लेकिन भाजपा की अजेय सीट पर कब्जा करने के लिए कांग्रेस के पास नेताओ के टोटा दिख रहा है, जो शिवपुरी के स्थानीय के नेता कांग्रेस से टिकिट की मांग कर रहे है, वे सही मायनों में शेरनी के सामने मेमने जैसी स्थिती में हैं।
इन्ही बनती बिगडती परिस्थती में कांग्रेस के खेमे से अचानक एक नाया नाम चर्चाओं में आया है। क्योंकि प्रेदश में महल विरोध की राजनीति करने वाले नेता यह भाजपा को यह सीट गिफ्ट में देने के मूड में नही हैं। पिछली बार भी ऐसा ही कुछ हुआ था कि सांसद सिंधिया ने इस सीट पर हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था,क्यो की भाजपा की प्रत्याशी यशोधरा राजे सिंधिया उनकी बुआ है।
सन 2013 के विधानसभा में यशोधरा राजे सिंधिया के समक्ष वीरेन्द्र रघुवंशी खडे हुए थे,उन्है यह टिकिट दिग्विजय सिंह ने दिया था। कुछ दिन पूर्व सांसद सिंधिया की धर्मप्रत्नी प्रियदर्शनी सिंधिया को कांग्रेस से टिकिट देने की मांग कुछ स्थानीय कांग्रेस नेताओ ने कांग्रेस अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर की थी।
वही दूसरा नाम अचनाक से प्रोफेसर एपीएस चौहान का लिया जा रहा है। अब बात करते है इन दोनों प्रत्याशीयों की तो यदि कांग्रेस प्रियदर्शीनी राजे को प्रत्याशी बनाने में सफल रहती है तो यशोधरा राजे के पास कोलारस की ओर मूब करने के अलाबा कोई चारा नहीं रहेगा। क्योकि जहां एक ओर यशोधरा राजे को एन्टीइनकन्वेसिंग झैलनी होगी।
प्रियदर्शी राजे जहां एक ओर फे्रस चेहरा होंगी। वही दूसरी ओर अपने सरल सोम्य व्यवहार के लिए पहले से ही काफी लोकप्रिय है। वही यदि पार्टी प्रियदशनी राजे को प्रत्याशी बनाने में सफल नहीं रहती है तो प्रोफेसर एपीएस चौहान भी यशोधरा के सामने एक अच्छा नाम हो सकता है यशोधरा और एपीएस के बीच मुकावला कांटे का होना तय है।
क्योकि जहां एक ओर एपीएस खोड सेक्टर में खासा प्रभाव रखते है। वही शिवपुरी में भी उनके शुभचिंतकों और चाहने बालों की लिस्ट लंबी है।वही कांग्रेस के एकधडे का यही भी कहना है कि अगर यह टिकिट कमलनाथ कोटे से आया और पोहरी में कुछ ठीक नही रहा तो शिवपुरी से हरिबल्लभ शुकला को भी टिकिट दिया जा सकता हैं।
Social Plugin