शिवपुरी। इस समय वायरल ने घर-घर में जगह करने के कारण अस्पाल में अत्याधिक लोड हो गया हैं। इस कारण अब अपना खैराती अस्पाल स्वयं बीमार हो गया हैं। एक बैड पर तीन मरिज,पलंग के अतिरिक्त गैलरी में मरिज,इस कारण डॉक्टर भी प्रत्येक मरीज को नही देख पा रहे है।
जिला अस्पताल के लिए 18 करोड़ से बनी नई पांच मंजिल इमारत को मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया गया है। दूसरी ओर पुरानी इमारत में जगह कम है। हालात यह हैं कि मेडिकल वार्ड में 93 पलंग है। यहां गुरुवार को 300 मरीज भर्ती थे। यहां गैलरी में फर्श पर फटे-पुराने गद्दे बिछाकर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। कुछ मरीजों को यह गद्दे भी नसीब नहीं हो पा रहे हैं। अटेंडेंट हाथ में ड्रिप लेकर खड़े होने का मजबूर हैं। वहीं नई बिल्डिंग खाली पड़ी है।
जिला अस्पताल को पहले 188 पलंग से बढ़ाकर 300 पलंग का किया गया फिर 400 पलंग का कर दिया गया। इसके लिए 18 करोड़ बजट आया जिससे नई पांच मंजिल इमारत बनाई गई ताकि पलंग बढ़ने पर जगह कम न पड़े। अब यह नई इमारत मेडिकल कॉलेज शिवपुरी को दे दी गई है, ताकि मान्यता संबंधी निरीक्षण के दौरान व्यवस्थाएं चाकचौबंद रहें और मेडिकल कॉलेज को अगले सत्र से मान्यता मिल जाए। इस वजह से यह इमारत खाली पड़ी है।
इसमें सर्जिकल के 90, अस्थि रोगियों के 30 और आंख, कान, नाक के 10 बिस्तर निर्धारित हैं। तीनों वार्ड के 130 पलंग का मौजूदा समय में कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है, जबकि मरीजों को इस समय पलंग की काफी जरूरत है।
नई इमारत के उपयोग से दूर हो सकती है समस्या: मेडिकल कॉलेज के लिए दी जो नई बिल्डिंग दी है, उसमें सर्जिकल वार्ड बनाकर 90 पलंग की व्यवस्था की गई है, लेकिन इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। वहीं जिला अस्पताल में पहले से सर्जिकल वार्ड है, जिसमें 52 पलंग की व्यवस्था है। अलग से ट्रॉमा सेंटर है जिसमें 28 पलंग हैं। जमीन पर फटे गद्दे पर बिछाकर इलाज करा रहे मरीज, डॉक्टर भी चेकअप करने नहीं आ रहे।
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