पोहरी। आज पोहरी में पुराने अस्पताल को पुन: शुरू किए जाने की मांग को लेकर सैंकड़ों युवा एसडीएम पोहरी को ज्ञापन देनें पहुंचे लेकिन एसडीएम कार्यालय पर एसडीएम उपस्थित नहीं थे और तहसीलदार लालशाह जगैत ज्ञापन लेनें पहुंचे लेकिन युवा एसडीएम को ही ज्ञापन देनें की बात पर अड़ गए फिर जब लगभग 20 मिनट बाद एसडीएम मुकेश सिंह ज्ञापन लेने पहुंचे तो युवाओं को अस्पताल की मांग की नारेबाजी करते देख भड़क गए और युवाओं से नारेबाजी बंद करने की बात कहकर सीधे अपने चैम्बर में चले गए।
एसडीएम के इस रैवैये से हैरान युवा चुपचाप एसडीएम का इंतज़ार करने लगे लेकिन लगभग 15-20 मिनट इंतज़ार करने के बाद भी जब एसडीएम वापस नहीं आये तो युवा भड़क गए और जमकर नारेबाजी शुरू कर दी, एसडीएम ने 2 युवाओं को अंदर आकर ज्ञापन देने की बात कही लेकिन युवा एसडीएम को बाहर बुलाने पर अड़ गए, फिर लगभग 30 मिनट की नारेबाजी के बाद भी जब एसडीएम के कान पर जूं नहीं रेंगी तब युवाओं ने एसडीएम को 5 मिनट का समय देते हुए कहा की "यदि 5 मिनिट के अंदर एसडीएम साहब ज्ञापन लेने नहीं आते हैं तो वो ऐंसे ही वापस लौट जाएंगे और फिर जिले में जाकर ही अपनी बात रखेंगे।
जब ये बात एसडीएम तक पहुंची तो एसडीएम गुस्से में बाहर आये और ज्ञापन सुनकर उसे लेकर जाने लगे जब युवाओं ने उनसे स्वास्थ्य समस्याओं के सम्बंध में चर्चा करनी चाही तो वो बोले कि मैंने आपका ज्ञापन ले लिया है मैं। इस संबंध में अभी आपसे कोई चर्चा नहीं करूंगा।
लंबे समय से चल रही है पुराने अस्पताल की मांग
पुराने अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं शुरू करने की मांग नई नहीं है, इससे पहले भी पोहरी वेलफेयर सोसायटी की पहल पर पोहरी-वासियों ने एक ज्ञापन एसडीएम पोहरी को सौंपा था लेकिन बाद में कुछ ही दिनों में पुराने अस्पताल को शुरू किए जाने के आश्वासनों के बाद मामला शांत हो गया था।
आमजन को करना पड़ता है भारी समस्याओं का सामना-
पुराने स्वास्थ्य केंद्र भवन में स्वास्थ्य सेवाएं बन्द कर नए अस्पताल भवन में स्थानांतरित किये जाने के बाद से पोहरी-वासियों को भारी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है क्यूंकि नवीन अस्पताल पुराने अस्पताल भवन से लगभग 5 किमी की दूरी पर स्थित है और पोहरी में आवागमन के पर्याप्त साधन ना होने के कारण लोगों को अस्पताल जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है और रात के समय स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाती है।
बंद पड़े रहते हैं स्वास्थ्य उपकरण, नहीं मिलती हैं दवाइयां-
पोहरी अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम ये है कि ना तो जरूरी स्वास्थ्य उपकरण चालू रहते हैं और ना ही जीवन-रक्षक दवाइयां उपलब्ध हो पाती हैं, कई बार मरीजों को बाहर से दवाएं लेकर भी आना लड़ता है।
प्रशासन को दिया 48 घण्टे का समय-
इस बार युवा एक अलग ही अंदाज़ में दिख रहे हैं उनकी गतिविधियों से लग रहा है कि ये मामला सिर्फ ज्ञापन देकर शांत नहीं होने वाला है, युवाओं ने साफ कहा है कि यदि 48 घण्टे के अंदर पुराने अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं शुरू नहीं कि जाती हैं तो वे आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
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