शिवपुरी। बीते रविवार को एडवोकेट हेमंत कटारे की 12 वर्षीय पुत्री अनुष्का की जानलेवा बुखार डेंगू से मौत हो गई। शहर में लगाता बड रहे लगातार डेंगू के ममालो से प्रशासन की लापरवाही स्वीकार नही करते हुए बचने का प्रयास किया जा रहा हैं,वही शिवपुरी प्रशासन ने अनुष्का को न्याय देते हुए मौत की फैक्ट्री पालने वाले चालर्स स्कूल पर 500 रू का भारी भरकम दण्ड आरोपित कर दिया हैै और न्याय का एक अनुपम उदाहरण दिया है।
इस न्याय पर उठे सवाल
कुछ दिन पूर्व शासन ने डेंगू के प्रकोप से चलते सभी स्कूलो के संचालको को जानलेवा डेंगू का से निबटने के लिए प्रशिक्षण दिया था,हो सकता है कि उक्त स्कूल संचालक इस प्रशिक्षण में आऐ ही नही हों। प्रशासन की मंशा साफ थी कि डेंगू स्कूलो में भी पनप सकता हैं। इसलिए प्रशिक्षण दिया गया,लेकिन प्रशिक्षण के बाद भी स्कूल प्रशासन नही चेता और जब स्कूल में जानलेवा बुखार डेंगू की पूरी की पूरी फैक्ट्री पकडी गई,प्रशिक्षण के बाद डेंगू का लार्वा और प्यूपा मिलना एक समान्य अपराध की श्रेणी में नही आना चाहिए,दंड के लिए 500 रूपए पर्याप्त नही है। यह छात्रा अनुष्का कटारे के लिए न्याय नही है।
सरकारी आकडें ने मना कि व्यस्को से अधिक डेंगू बच्चो में
डेंगू के मामले को लेकर सरकारी प्रेस नोट जारी किया हैं,जिसमें आकडे दिए गए हैं,इन सरकारी आंकडो में बताया है कि इस सीजन में अब तक 464 जांचे एलाइजा टेस्ट डेंगू की संभावित रोगियों की गई है। जिनका उपचार जिला चिकित्सालय शिवपुरी में हुआ है। जिसमें से कुल 169 केस डेंगू पोजीटिव पाए गए है। जिसमें से 128 बच्चे एवं 41 व्यस्क है, जिसमें 28 प्रकरण जटिलता के होने के कारण उन्हें उच्च उपचार हेतु ग्वालियर मेडीकल काॅलेज रैफर किया गया है। जबकि वर्तमान में 6 डेंगू प्रकरण उपचारत है। चिकित्सालय में विगत तीन माह से वायरल फीवर के कारण 18705 बुखार के मरीजों का उपचार किया गया है।
यह आकडे स्वयं बोल रहे है कि व्यस्को से ज्यादा डेंगू बच्चो में पॉजटिव मिला है। इससे यह सिद्ध् होता है कि स्कूलो में बच्चो की नर्सरी के अलावा जानलेवा डेंगू की भी नर्सरी हैं। ऐसे में इस स्कूल की सजा मात्र 500 रूपए निर्धारित की गई है।
कल जस्टिस अनुष्का का बैनर लगाकर अभिभाषक संघ का प्रर्दशन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौपा था। यह कैसा जस्टिस है,ये कैसा न्याय होगा कि जहां सैकडो बच्चे पैसा देकर अपना भविष्य बनाने जा रहे है,वहां सक्षात मौत की फैक्टी पल रही है और उसे सजा के तौर पर 500 रूपए का जुर्माना दिया जा रहा हैं।
डेंगू के मामले में यह है नियम
नगर पालिका को प्रचिलत मॉडल बायलाज वर्ष 1999 के अंतर्गत लोगों पर 500 रूपए तक अर्थदंड लगाने का अधिकार दिया गया है,लेकिन यह कानून अधूरा हैं,इस नियम को संधोधित करना अति आवश्यक हैं,जब यह नियम बनाया गया है,इसमें उल्लेखित है कि अगर किसी कि घर में डेंगू का लावा मिलता हैं,तो 500 रू का अर्थदंड अरोपित किया जाऐगा।
लेकिन किसी स्कूल जैसे संस्थान में डेंगू जैसे जानलेवा बुखार की फैक्ट्री मिलना ओर जब उसके दुषपरिणाम सामने आ चुके है और अर्थदंड केवल 500 रू न्योचित नही होगा,यह जस्टिस कम से कम अनुष्का के लिए तो नही हो सकता है,सबाल बडा है इस पर खुलकर बहस होनी चाहिए पाठको से निवेदन है कि इस खुली बहस में भाग ले और इस पर बहस होनी चाहिए कडे नियम बनने चाहिए,जब ही शिवुपरी समाचार डॉट कॉम की सार्थक पत्रकारता होंगी,और शिवपुरी के पाठको को भी अपनी शक्ति का एहसास होगा होंगा।
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