शिवपुरी। अब डेंगू के डंक में शिवपुरी के मरीज भी नही डॉक्टर भी उलझ रहे हैं। डेंगू के डंक के फेर में अपनी जान से हाथ धो उठी अनुष्का के जस्टिस के लिए प्रशासन आॅफिस से निकलकर सडक पर आ गया है,सबसे पहले डेंगू के डंक की फैक्ट्री पालने वाले स्कूल पर 500 रू की अर्थदंड की कार्रवाई शिवपुरी समाचार डॉट कॉम प्रशासन को थैक्स। अब अपनी मूल खबर के लिए चलते हैं।
खबर आ रही है कि डेंगू के डंक के फेर में पहली बार डॉक्टर आ गिरे है। प्रशासन अपनी नाकामी छुपाने और पब्लिक में कुछ कर दिखाने की तमन्ना से आज सड़क पर आ गया। बताया जा रहा है कि स्वास्थय विभाग की टीमों ने झोला छाप डॉक्टरो की क्लीनिको पर झापा मार कार्रवाई की हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉ संजय ऋषिश्वर, डॉ एमएस चौहान और डॉ आशीष व्यास के नेतृत्व में तीन टीमों ने प्राइवेट क्लीनिकों पर देर शाम छापामार कार्रवाई की। फिजिकल क्षेत्र में शिवपुरी क्लीनिक पहुंचे तो यहां मरीजों का इलाज चल रहा था। रजिस्ट्रेशन देखा तो 2013 में ही एक्सपायर मिला। समीप ही कुर्रेशी क्लीनिक को भी सील किया गया। पुरानी शिवपुरी में डॉ इकबाल कुर्रेशी का क्लीनिक क्लीनिक सील किया गया है। क्लीनिक का कोई रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया गया था। इसी तरह नवाब साहब रोड पर भी डॉ गजेंद्र गौतम का क्लीनिक सील किया है। क्लीनिक बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा था।
वहीं अंबेडकर कॉलोनी का क्लीनिक बंद मिला है। इसी तरह फिजिकल क्षेत्र में ही मलिक क्लीनिक बंद मिला। बताया जाता है कि टीम के आने की खबर पर क्लीनिक बंद कर डॉक्टर भाग खड़ा हुआ। कार्रवाई के दौरान नायब तहसीलदार गौरीशंकर बैरवा भी पूरे समय मौजूद रहे। डीआईओ डॉ संजय ऋषिश्वर ने बताया कि कार्रवाई का दौर जारी रहेगा।
इस खबर में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि स्वास्थय विभाग ने जो झोलाछाप डॉक्टरो के यहां छापामार कार्रवाई कर क्लीनिको को सील् किया है, वह सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाईन का फ्लो है, इससे पूर्व भी प्रशासन ने कई झोलाछाप डॉक्टरो क्लीनिक का सील किया था,उन्है रिश्वत वाली 48 घटें में एमबीबीएस की ड्रिग्री मिल चुकी है, सरकारी मान्यता प्राप्त की ड्रिग्री 5 साल में मिलती है पर शिवपुरी का CMHO आॅफिस इन चारो झोलाछाप डॉक्टरो को धनवर्षा की गाईड लाईन के योग में 48 घंटे के अंदर ही ड्रिग्री प्रदान कर देगा। अब देखते है इस मामले में क्या होता है।
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