शिवपुरी। आज कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर हुए छात्र संघ के हंगामे के बाद इसके परिणाम सामने आने लगे है। इस मामले के लिए कलेक्टर शिल्पा गुप्ता अप्रत्यक्ष रूप से डीपीसी शिरोमणि दुबे को दोषी मान रहीं है। जिसके चलते आज खबर आई कि इस गणवेश वितरण कार्य में हस्तक्षेप और बिना परीक्षण के भ्रामक जानकारी मीडिया को उपलब्ध कराने के चलते कलेक्टर शिवपुरी शिल्पा गुप्ता ने डीपीसी शिरोमणि दुबे को गुणवत्ता सत्यापन समिति से हटाकर उनकी जगह जिला शिक्षाधिकारी को पदस्थ किया है।
जिसपर डीपीसी ने बताया कि उन्हें इससे हटाने वाला जिले में कोई नहीं है। उन्हें कमिश्रर ने नियुक्ति किया है। यह हटाने वाली होती कोन है। अब इस मामले में जब शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने डीपीसी शिरोमणि दुबे से बात की तो उन्होंने बताया कि में हमारे किसी भी स्कूल में अमानक गणवेश नही बटने दूंगा चाहे मुझे कुछ भी करना पड़े। इस बयान के बाद कलेक्टर और डीपीसी के बीच ठनी हुई साफ दिखाई दे रही है।
इनका कहना है-
मुझे इस समिति से कोई नहीं हटा सकता। मुझे इस समिति में सत्यापन के लिए कमिश्रर ने नियुक्त किया है। में अपना काम कर रहा हूं। हां इतना जरूर है कि मेरे होते हुए जिले के किसी भी स्कूल में अमानक गणवेश का वितरण नहीं किया जा सकता। इसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े।
शिरोमणि दुबे, डीपीसी शिवपुरी।
इनकी चुनाव के संबंध में कई शिकायतें आई है। इसके साथ ही स्व सहायता समूह की कार्यकर्ताओं ने इनकी शिकायत की है। जिसके चलते इन्हें हटा दिया गया है।
शिल्पा गुप्ता, कलेक्टर शिवपुरी।
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