सांसद सिंधिया के भक्तों से एक सवाल: क्या सिर्फ तुम्हारे वोट से सिंधिया सांसद बन गए ?

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ललित मुदगल @एक्सरे/शिवपुरी। गुना-शिवपुरी के सासंद ज्येतिरादित्य सिंधिया के इस दौरे में अभी तक का सबसे बड़ा सवाल सांसद सिंधिया के भक्तों पर उठ रहा हैं कि क्या, है भक्तो आपको वोटो ही मिस्टर सिंधिया सांसद बने हैं। आपके स्वयं की वोटों में इतनी ताकत थी कि उन्हे सासंद बनाया जा सके। सवाल बड़ा है और हिम्मत है किसी भक्त में तो सवाल का जबाब दे सके। यह सवाल क्यों उठ रहा हैं आइए इस सवाल को लेकर एक्सरे करते हैं। 

जैसा कि विदित है किे आज से ज्योतिरादित्य सिंधिया का 3 दिवसीय दौरा कार्यक्रम आज से शुरू हो गया हैं। सपाक्स ने विरोध की हुकांर भरी, तमाम दावे किए, प्रेस नोट में तमाम बाते प्रेस को बताई गई पर कुछ नही हुआ। सिंधिया का काफिला तक नही रोक सके। शहर की कोने में बनी बॉम्बे कोठी पर ज्ञापन दे आए वो भी तब जब सांसद सिंधिया का ग्रीन सिंग्नल।

लेकिन तभी अचानक ज्ञापन के 30 मिनिट बाद गांधी पार्क स्थित कम्यूनिटी हॉल में आयोजित महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रम से सांसद सिंधिया लोट रहे थे, करणी सेना के प्रदेश संयोजक अतुल सिंह और उनके एक साथी न सांसद सिंधिया को काले झण्डे दिखा दिए, अपने आका के सामने काले झण्डे लहराता देख एक सिंधिया भक्त अजय शर्मा अध्यक्ष ब्राहम्ण समाज शिवपुरी ने आपा खो दिया ओर विरोध कर रहे अतुल सिंह में चांटा मार दिया। मामला कोतवाली तक भी पहुंचा। कोतवाली में कुछ हो न हो लेकिन एक सवाल खड़ा हो गया। 

ऐसा ही कुछ कोलारस में हुआ, सपाक्स समाज के कार्यकर्ताओ ने सांसद सिंधिया को काले झण्डे दिखाए। फिर भक्तों को यह सिंधिया का अपमान दिखा, और सपाक्स के सदस्यों से उलझ गए। मामला फिर कोलारस की कोतवाली तक पहुंच गया। इस घटना में फिर एक सवाल का जन्म हो गया। 

सवाल यह खडा हो रहा है कि किसी भी व्यक्ति और संगठन को लोकतात्रिंक तरिके से अपनी बात,विरोध,प्रर्दशन करने का अधिकार नही हैं। क्या सवाल गलत हैं कि आज आप समाक्स समाज के साथ होने का दावा कर रहे हैं,तब संसद में काला कानून बन रहा था तब आपने मौन धारण क्यो कर रखा था। 

सांसद पद एक लोकतंत्र से चुना हुआ पद हैं। लोकतंत्र के कारण ही सिंधिया सांसद हैं। जो विरोध कर रहे हैं वे सभी लोग सांसद सिंधिया के संसदीय क्षेत्र से आते हैं। जब वोट दिया हैं तो सवाल करने का हक हैं। अपने संसदीय क्षेत्र के लोगो के अधिकारो की बात संसद में करना एक सांसद का परम कर्तव्य हैं। यही तो आज विरोध प्रर्दशन कर रहे लोग कर रहें थे। लोकतात्रिंक तरिके से विरोध कर रहे थे। फिर भक्तो ने फिर ऐसी हरकत क्यो की,चाटा क्यो मारा,क्यो सपाक्स समाज के सदस्यो से उल्रझ गए। 

क्या सिर्फ भक्तो ने ही सांसद सिंधिया को वोट किया हैं,या उन लोगो ने आज सांसद सिंधिया के काफिले के साथ थे,आम नागरिक ने नही। क्या मुठठी भर भक्तो के वोटो के दम पर ही सांसद सिंधिया संसद में पहुंच गए सवाल बडा हैं,भक्त मेरा चैलेंज स्वीकार करे और मेरे सवाल का जबाब दें। मैं आपके जबाव की प्रतिक्षा में हॅु। 
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