
फिजीकल थाना क्षेत्र की संजय कॉलोनी में रहने वाले करण जाटव उम्र 20 साल पुत्र भीकम सिंह जाटव करीब आठ दिन पहले घर से अचानक गायब हो गया था। परिजनों ने फिजीकल थाने में 6 सितंबर को रिपोर्ट दर्ज करा दी। परिजनों ने दो लोगों पर संदेह जताया था। इस आधार पर पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी।
लेकिन 11 सितंबर को युवक शिवपुरी तो लौटा लेकिन सीधे घर जाने के बजाए वह थाने पहुंच गया। यहां पुलिस को करण ने अपनी पीड़ा बयां की। अपहत्त ने बताया की पूरी बात सुनने के बाद पुलिस ने परिजन को सूचना दी और युवक को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में युवक ने बताया कि किन्नरों के साथ रहने वाली शिवपुरी निवासी वीरा उर्फ पलक उसे अपने साथ बहला फुसलाकर खंडवा ले गई। खंडवा में किसी गुरू से मिलाया और वहीं ठहराया। नाक-कान छेदकर साड़ी-ब्लाउज पहना दिए गए।
इसके बाद नाच-गाना करवाने लगे। करण ने बताया कि खंडवा में उसे किन्नर के रूप में रखा गया। जब मैंने शिवपुरी आने की इच्छा जताई तो मुझे मना कर दिया गया। हालांकि बाद में इस शर्त पर आने दिया कि वह कुछ दिन में वापस लौट आएगा। मौका पाकर मैंने 11 सितंबर को खंडवा से सीधी ट्रेन पकड़ी और ग्वालियर पहुंच गया। ग्वालियर से सीधा शिवपुरी पहुंचा। लेकिन घर वालों की डांट से बचने के लिए घर के बजाए सीधे फिजीकल थाने पहुंच गया।
करण ने बताया कि वह घर वालों की डांट के कारण ही किन्नरों के साथ गया था। यदि सीधे घर पहुंचता तो डांट पड़ती। इसलिए पहले पुलिस को पूरे मामले की सच्चाई बता दी। करण ने कहा कि दोस्त अनिल ने फतेहपुर में रहने वाली किन्नर से मिलवाया था। उसके बाद ही किन्नर मुझे लेकर खंडवा गई थी। किन्नर मुझे धमकाते थे कि यदि तू वापस नहीं आएगा तो तेरे घर आकर हंगामा करेंगे और मम्मी-पापा को मारेंगे। पुलिस ने इस मामले में 3 स्थानीय किन्नर व खंडवा के किन्नरो के गुरू के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
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