
पाटोर के गिरने की आवाज ओर इसके मलबे में दबे जिंदा लोगो की चीख पुकार सुन कर ग्रामीण आए और मलबे को हटाना शुरू कर दिया, और मलबे में दबे घायल लोगो को निकालते हुए सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र में भर्ती कराया। अस्पताल में उपचार के दौरान रामसिंह परिहार की 10 वर्षीय बेटी अंजली की मौत हो गई, जबकि रामसिंह और उसकी पत्नि गीता और अन्य 2 छोटे बच्चे घायल हो गए।
रामसिंह परिहार ने मृत बच्ची के पिता रामसिंह परिहार ने अस्पताल परिसर में अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत उसका आवास 5 माह पूर्व स्वीकृत हो चुका हैं। स्वीकृत सूची में उसका नाम 102 नम्बर पर हैं। लेकिन पिछले पांच माह से पंचायत प्रतिनिधि पैसे नही दे रहे हैं। रिश्वत की मांग की जा रही हैं। समय पर मेरा आवास बन जाता तो आज मेंरी बेटी जिंदा होती।
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