

अब यह विरोध सोशल से सडको पर उतर आया हैं। इस एक्ट के संशोधन के चलते भाजपा ने बैठी भैस में लठ्ठ मारा हैं। पूरे देश में इस एक्ट के कारण भाजपा का जो मूल मतदाता है वह नाराज हैं। इसी एक्ट के कारण कांग्रेस ने बसपा से आने वाले चुनावो में गठबंधन नही किया है। कांग्रेस भी इस एक्ट को अंदरूनी तौर पर हवा देर रही हैं। राजनीतिक पंडितो को कहना हैं कि इस एक्ट का जो सुखकर्ता वोटर है वह मप्र में तो हाथी का हैं। भाजपा को इस एक्ट के कारण अपने मूल मतदाता की नाराजगी झेलनी पड सकती हैं। और जो भाजपा के लिए घातक हो सकती हैं।
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