श्रीमद डांगौरी। हमारे गांव में कहते हैं कि कलेक्टर ही असली राजा होता है। वो सबकुछ कर सकता है। उसके पास सब अधिकार होते हैं। वो हर बात के लिए जिम्मेदार भी होता है लेकिन सुल्तानगढ़ और पवा के मामले में हमारी माननीय कलेक्टर ने जैसे बयान जारी किए, वो तो हृदयघात कराने वाले थे। अब डेंगू का मामला सामने आ गया है। कह रहे हैं कि 17 मरीज मिल गए हैं। 05 ग्वालियर से इलाज कराकर लौट आए और इतने ही ग्वालियर में प्राइवेट इलाज करा रहे हैं। मैं तो सिर्फ इस बात का इंतजार कर रहा हूं कि शिवपुरी की नई कलेक्टर इस मामले में क्या खंडन जारी करतीं हैं।
क्या हुआ था सुल्तानगढ़ में
कहने की जरूरत नहीं कि सुल्तानगढ़ जल प्रपात सरकारी संपत्ति है। यह शिवपुरी और ग्वालियर की सीमा पर स्थित है। सुल्तानगढ़ वॉटर फॉल सरकारी दस्तावेजों में घोषित पर्यटक स्थल है। सरकार की जिम्मेदारी है कि कि वो इस तरह के पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों की सुरक्षा के प्रबंध करे। यदि ये मौसमी पर्यटक स्थल हैं तो मौसमी प्रबंध करे। जल प्रपात के आसपास सरकारी गोताखोरों की तैनाती सरकार की जिम्मेदारी है और सरकार यानि कलेक्टर। 15 अगस्त को सुल्तानगढ़ वॉटर फॉल में बाढ़ आई, वहां कोई सरकारी गोताखोर नहीं था। 09 लोगों की मौत हो गई। 45 लोग बाढ़ में फंसे और सरकार के वेतनभोगी बचाव दल वाले उन्हे बाहर नहीं निकाल पाए। मोहना के 3 आदिवासियों ने आधी रात के बाद सबको बचा लिया। अब जब जिम्मेदारी लेने की बात आई तो शिवपुरी कलेक्टर ने तपाक से कह दिया कि सुल्तानगढ़ शिवपुरी राजस्व में नहीं आता। यह भी कह दिया कि सुल्तानगढ़ पर्यटक स्थल नहीं है। जब बताया गया कि शिवपुरी की आधिकारिक सरकारी बेवसाइट पर लिखा है कि सुल्तानगढ़ पर्यटक स्थल है तो कलेक्टर ने फोटो हटवा दिया।
पवा का क्या मामला है
सुल्तानगढ़ हादसे के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि सुल्तानगढ़ जैसे ही हालात पवा में भी हैं। वहां पहले से प्रबंध किए जाने चाहिए ताकि कोई हादसा ना हो लेकिन सरकार तो समझ नहीं आया। वहां सरकारी गोताखोरों का दल तैनात किया जाना चाहिए था लेकिन नहीं तकिया। बीते रोज एक हंसता खेलता बालक डूब गया। कलेक्टर ने बयान जारी किया। घटना के 3 घंटे पहले एसडीएम वहां पर्यटकों को समझा रहे थे। यह भी बताया कि 14 साल का नाबालिग बालक खुद की गलती के कारण डूब गया। कलेक्टर ने उसके परिजनों को भी जिम्मेदार ठहरा दिया और खुद की जिम्मेदारी से हाथ झाड़ लिया।
डेंगू पर क्या बयान जारी होगा
अब सिर्फ यही उत्सुकता है कि डेंगू मामले पर क्या बयान जारी होगा। क्या कलेक्टर यह बताएंगी:
जिन मच्छरों ने लोगों को काटा वो हमारे राजस्व क्षेत्र के नहीं थे।
डेंगू वाले मच्छर हमारे क्षेत्र में नहीं पनप रहे वो पड़ौसी जिले में पैदा होकर यहां आ रहे हैं।
लोगों की गलती है, उन्हे मच्छरों से बचना चाहिए।
मच्छरों की गलती है, प्रशासन जिम्मेदार नहीं है।
या फिर,
मच्छरों के काटने के 3 घंटे पहले ही सीएमएचओ लोगों को समझा रहे थे।
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