अच्छी खबर: अब टाई-ब्लेजर में नजर आएगें शासकीय स्कूलों के स्टूडेंट, टीचर भी जैकेट में आएंगे नजर

शिवपुरी। कॉन्वेंट स्कूल की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में भी टाई-बेल्ट और ब्लेजर में बच्चे नजर आएंगे। शिक्षा विभाग ने सरकारी प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में नए सत्र से यूनिफॉर्म परिवर्तन करने के निर्देश जारी किए हैं। नए यूनिफॉर्म में माध्यमिक स्कूल में छात्रों के गले में टाई व कमर में बेल्ट लगाना अनिवार्य होगा। वहीं छात्राओं को ब्रेजर पहनना होंगे। नए आदेश जारी करने साथ ही स्कूलों से बच्चों की पूरी संख्या मांगी गई है, ताकि समय पर उन्हें राशि जारी की जा सके। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों में मनोवैज्ञानिक परिवर्तन लाने के लिए यह कदम उठाया है। आमतौर पर प्राइवेट स्कूल के बच्चे अच्छी ड्रेस पहनकर जाते हैं। 

सरकारी स्कूलों के बच्चे जब उन्हें देखते हैं तो उनके मन में अलग भाव उत्पन्न होते हैं। इस भेद को दूर करने के लिए विभाग ने प्रयास किया है। विभाग द्वारा जारी आदेश में बताया है कि सर्व शिक्षा अभियान मद से अजा-अजजा व बीपीएल के बच्चों को यूनिफॉर्म राशि जारी होगी। वहीं सामान्य वर्ग के बच्चों को राज्य योजना मद से यूनिफॉर्म के लिए राशि दी जाएगी। इसके लिए 600 रुपए प्रति छात्र के मान से राशि देंगे। 

शिवपुरी जिले में 2864 सरकारी प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल हैं। इन स्कूलों में करीब 1.85 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं। इन सभी बच्चों को यूनिफॉर्म जारी होगा। इसकी राशि शाला प्रबंधन समिति के खाते में डाली जाएगी। समिति द्वारा राशि बच्चों को देना है। यदि किसी स्कूल में किसी समूह या संस्था द्वारा यूनिफॉर्म बनाए जाएंगे तो यह राशि संबंधित के खाते में डाली जाएगी। 15 अगस्त तक यूनिफॉर्म बच्चों को उपलब्ध कराने के निर्देश विभाग ने जारी किए हैं। 

प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की यूनिफॉर्म बदली, 15 तक छात्रों को नई यूनिफॉर्म देने के निर्देश, शिक्षक भी जैकेट में नजर आएंगे 

नए शिक्षा सत्र से शिक्षक भी ड्रेस कोड में नजर आने वाले हैं। शिक्षिकाएं मेहरून रंग और शिक्षक नेवी ब्लू रंग के जैकेट में स्कूल पहुंचेंगे। इसके साथ जैकेट पर राष्ट्र निर्माता का बैच भी लगा होगा। शिक्षकों को इसके लिए एक हजार रुपए दिए जाएंगे। जून माह में यह आदेश दिया था, लेकिन अभी तक इस संबंध में शिक्षकों को निर्देश जारी नहीं हुए है। 

इनका कहना है-
समूहों के जरिये यूनिफॉर्म बंटवाई जाएगी। इसके लिए आजीविका परियोजना को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
शिरोमणि दुबे, डीपीसी, शिवपुरी