
तभी महिला के परिजनों ने निर्णय लिया कि महिला का दाह संस्कार बारिश में पानी की टंकी के नीचे करेंगे। जिसपर पूरे लोग एकत्रित होकर पानी की टंकी के नीचे पहुंचे और दाह संस्कार किया। यहां बता दे कि इस बस्ती के लोग लंबे समय से इस पानी की टंकी के पास ही दाह संस्कार करते आए है। परंतु यहां इस गांव के लिए एक मुक्तिधाम मंजूर तो हुआ परंतु वह गांव से लगभग 2 किमी दूर बनाया गया है। गनीमत यह रही कि अभी यह पानी की टंकी से घरों के कनेक्शन नहीं जोड़े गए है। बरना लागों मेें पानी पीने में भी डर बैठ जाता।
इनका कहना है-
हमारे यहां एक मुक्तिधाम तो बना हुआ है। परंतु वह इस मजरे से 2 किमी दूर है। यह मजरा गांव से अलग है और इस मजरे के लौग पानी की टंकी के पास ही दाह संस्कार करते है। इसके लिए हमने शासन से मंजूरी मांगी थी। परंतु उन्होने हमें मंजूरी नहीं दी। अब हम क्या करें।
नरेन्द्र यादव, सरपंच मेगोनाबाड़ा।