
जब उसका नाम पूछा तो छात्र ने अपना नाम शेरो खान बताया, लेकिन उसके पास न बीपीएल कार्ड था न स्कूल के रिकार्ड में यह प्रतिपूर्ति देखी गई। इसका नतीजा यह निकला कि सत्र 2016-17 की फीस प्रतिपूर्ति में इस छात्र की फीस स्कूल संचालक के खाते में पहुंच गई, पर वह बीपीएल कार्ड नहीं दिखा सके।
स्कूल संचालकों की सफाई- दस्तावेजों में गलत जानकारी से ऐसा हुआ
स्कूल संचालकों की बैठक लेकर अधिकारियों ने निर्देश दिए थे कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों के प्रवेश आरटीई में करें। इसके तहत कैंप लगाए गए। आधार कार्ड में गलत जानकारी और जन्मप्रमाण पत्र में गलत जानकारी दर्ज होने से ऐसा हुआ।
सुधीर चावला, संचालक सुशील मांटेसरी स्कूल
व्यास एटीकेट स्कूृल में दो ऐसे छात्र बैठे मिले, जिन्हें अन्य बच्चे नहीं पहचानते थे
जांच दल के पूछने पर से छात्र बोले- हमने पहले कभी इन दो विद्याथियों को नहीं देखा टीम सदस्यों ने बताया कि व्यास एटीकेट स्कूल के निरीक्षण के दौरान कक्षा में बैठे दो विद्यार्थियों को क्लास में बैठे अन्य विद्यार्थी ही नहीं पहचान सके। छात्रों से जब डीपीसी ने पूछा कि बच्चों क्या आप इन दोनों विद्यार्थियों निदा और अल्विया को जानते हो तो छात्र बोले कि हमने इन्हें कक्षा में पहले नहीं देखा। इस पर जब स्कूल संचालक से पूछा तो वह भी संतोष जनक जवाब नहीं दे सके। जबकि स्कूल संचालकों ने इन छात्रों की 90 फीसदी उपस्थिति दर्ज कराई थी। इस पर टीम ने दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत अब कार्रवाई करने की योजना बनाई है।
टीम के निरीक्षण में जिस छात्रा की बात की जा रही है। उसका प्रवेश ग्रांड फादर के दस्तावेज से हुआ था। चूंकि वर्तमान में छात्रा का परिवार अलग रहता है और उसका दस्तावेज बीपीएल का पूर्ण नहीं है। इसलिए पेरेंट्स की सहमति से हमने उसे स्कूल से हटा दिया है। शेष जानकारी हम टीम को दे चुके हैं।
आनंद अदिति आर्य, संचालक, आनंदमार्ग स्कूल शिवपुरी
हमारे स्कूल में निरीक्षण करने टीम आई थी। जो दस्तावेज मांगे, वो दिए गए। जहां तक बीपीएल कार्ड का मामला है तो जिन बच्चों के नाम बीपीएल में शो नहीं हो रहे हैं, हम उन बच्चों को स्कूल में नहीं रखेंगे। रही बात फीस की, तो वह हमने सीएसी की सहमति के बाद ही ली है। शेष दस्तावेज हम टीम को कल प्रस्तुत कर देंगे।
संदीप व्यास, संचालक, एरीकेट स्कूल शिवपुरी
स्कूल में दो छात्रों के रिकार्ड में मिली गड़बड़ी
डीपीसी शिरोमणि दुबे इस स्कूल के बाद वह व्यास एटीकेट में भी गए, जहां उन्हें आशीष कुशवाह और रिया कुशवाह दो छात्रों के सत्र 2016-17 की फीस प्रतिपूर्ति में दोनों को फीस का भुगतान शासन से हुआ मिला, पर इनका रिकॉर्ड जब मेल किया गया तो उसमें दस्तावेजों में दोनों छात्रों के बीपीएल कार्ड नदारद थे। जिनका जवाब स्कूल संचालक संतोष जनक नहीं दे सके।
टीम ने जब सुशील मांटेसरी में पड़ताल की तो वहां 2018 की जानकारी अपूर्ण मिली। इस पर टीम के सदस्यों ने कुछ और भी जानकारी हासिल करने की कोशिश की जिसमें नर्सरी में 3 से 5 वर्ष की उम्र पर प्रवेश दर्ज होते है। जबकि यहां बच्चों की ज्यादा उम्र के मामले में प्रवेश कक्षा 1 की जगह नर्सरी में दे दिया गया। अब नोटिस की तैयारी की जा रही है।
फीस प्रतिपूर्ति की सभी स्कूलों में जांच की जाएगी
सत्र 2016-17 की फीस प्रतिपूर्ति की समस्त विद्यालयों की जांच की जाएगी। जहां कमियां पाई जाएंगी उनके विरुद्ध आरटीई नियमों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। शिवपुरी सहित अन्य विकासखंडों में भी जांच की जाएगी।
शिरोमणि दुबे, डीपीसी शिवपुरी