सेंट चार्ल्स: बच्चों की सुरक्षा पर सवाल, जवाब में प्रिंसिपल ने दी FIR की धमकी

ललित मुदगल @एक्सरे/शिवपुरी। यह खबर आपके बच्चों की सुरक्षा से जुडी हुई है। इस खबर को आज सभी को पढ़ना चाहिए। मूक पाठक नही बने इस खबर पर प्रतिक्रिया जरूर दें। खबर आपके बच्चों की सुरक्षा के समर्थन और एक तानाशाह स्कूल के स्वयं के बनाए गए नियमों के विरोध में है। आज शहर के सैंट चार्ल्स स्कूल की बसे बच्चों को लेने नही पहुंची, बच्चों के पैरेंटस स्वयं अपने बच्चों को छोडऩे स्कूल पहुंचे और स्कूल की प्रिसिंपल से इस मामले में बातचीत की तो उन्होने पैरेंट्स की न सुनते पुलिस कार्रवाई की धमकी दे डाली। आईएएस पूरे मामले का आपके लोकप्रिय न्यूज पोर्टल www.shivpurisamachar.com पर एक्सरे करते है। 

बस क्यों नही आई कारण जाने 
स्कूल बसों में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलान का पालन सुनिश्चित कराने और बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर सीजेएम शैलेष भदकारिया आगे आए और मंगलवार को पोहरी चौराहे पर स्कूल बसों की आकस्मिक चेंकिग का अभियान शुरू कर दिया। यातायात पुलिस के साथ मिलकर चलाए गए इस अभियान के दौरान गई स्कूलो की बसो को रोका गया। सीजेएम शैलेष भदकारिया के साथ यातायात प्रभारी रणवीर सिंह भी साथ थे।

दूसरी शिफ्ट जैसे ही जाने वाली थी स्कुल में खबर आ गई कि पोहरी चौराहे पर सीजेएम ने स्कूली बसो की चेंकिग शुरू कर दी।  आनन फानन में स्कुल प्रबधंन ने निर्णय लिया कि दूसरी शिफ्ट में बसो को न भेजने का निर्णय लिया ।

इसी कारण सैंट चार्ल्स स्कुल में पढने वाले बच्चो के पैरेंटस एक-एक घटें सडक़ पर बसो का इंतजार करते नजर आए और इसी कारण अपने स्वयं के वाहनो से अपने बच्चो को स्कुल छोडने आए थे। स्कुल प्रबंधन ने पैरेंटसो को एसएमएस भेजना भी उचित न समझा। स्कुल प्रबधंन इस सुविधा के लिए 150 चार्ज करता है।

बसों की शिकायत लेकर पैरेंटस पहुंचे थे स्कूल प्रिंसिपल के पास
बस न आने के कारण अपने बच्चो को स्कूल लेकर पहुंचे कुछ जागरूक पैरेटंस स्कूल की प्रिसिंपल के पास बस की शिकायत लेकर पहुंचे थे लेकिन प्रिंसिपल ने पैरेटंस ने कहा कि आप बिना अनुमति के हमारे कैबिन में कैसे घुसे। पैरंटेटंस ने कहा कि आप पहले हमारे बच्चों की सुरक्षा को लेकर हमने आपकी स्कूल की बसों की शिकायत की है लेकिन आपकी बसो में कोई सुधार नही आया है।

बसो की हालत ठीक नही है। उसका स्टाफ का व्यवहार भी बच्चो के प्रति ठीक नही है। बसों मेें जीपीएस सिस्टम नही है। किसी के बच्चे को किसी के घर उतार आते है। बस स्टाफ यूनिफार्म में नही होते है। हमारे बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आपकी है, आप इस जिम्मेदारी से मुहं नही मोड सकते है। 

जब बच्चो के पैरेंटसो के सवालो में स्कूल प्रिंसिपल उलझ गई तो कहने लगी कि आप मेरे केबिन में मेरी परिमशन के बगेर घुसे हो मै आप पर एफआईआर करा दूंगी और इतना कहने केे बाद मेडम अपने ऑफिस से उठकर भाग खडी हुई और अपने रूम में चली गई। पैरेटंस भी अपने सवालो के जबाब लेने मेडम के पीछे-पीछे गए लेकिन उन्हे नाकामी ही हाथ लगी। बताया गया है कि स्कुल प्रबंधन ने इन पैरेटंस पर मामला दर्ज करने की जुगाड लगाई लेकिन स्कूल यूनियन ने इस स्कूल का साथ नही दिया। 

इस पूरे मामले में यह बात सिद्ध होती है कि आज आरटीओ चैकिंग होने के कारण स्कूल प्रबधंन ने अपनी बस स्कूल से न निकालने में ही अपनी भलाई समझी। स्कूल प्रबंधन को यह ज्ञात था कि हमारी बसे अनफिट है और भारत के कानून को फ्लो नही कर रही है। स्कूल प्रबंधन ने अपना एक अलग कानून बना लिया है, कि उसको बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई सवाल नही कर सकते है। बस अपनी फीस से मतलब है। पैरेंटंस अब अपनी बात जिला कलेक्टर शिल्पा गुप्ता से अपनी बात रखने वाले है।

अब देखना है कि प्रशासन इस मामले में क्या करता है... इन अनफिट बसों पर क्या कार्रवाई करता है। बताया गया है कि इस बार स्कूल प्रबधंन ने अपनी फीस में लगभग 30 प्रतिशत बढोत्तरी की है। नियमानुसार 10 प्रतिशत से ज्यादा फीस की बढोत्तरी नही कर सकते है। इस घटना से पैरेंटस बडे ही दुखी है... अब सबसे बड़ी बात अगर स्कूल प्रबंधन ऐसे पैरेटंसो पर पुलिसिया कार्रवाई की धमकी देता है तो लोग अपने बच्चों को ऐसे स्कूलों में पढाते ही क्यो है...।