
जब इस संबंध में पोहरी पुलिस से जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने मामले की सूचना से ही इंकार कर दिया। उसके बाद शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर से जानकारी चाही तो उन्होंने स्वीकार किया कि एक युवक शराब के नशे में अपने भतीजे के साथ था। भतीजे ने उसे रोकने का प्रयास किया परंतु वह नहीं रूका और पानी में चला गया। जिससे युवक बह गया। पुलिस की टीम रेसक्यू करने पहुंच रही है।
इसी दौरान पोहरी एसडीओपी अशोक घनघोरिया ने मिडिया को बयान दिया है कि युवक के बहने की खबर झूठी है। बस से उतरे सभी लोग सुरक्षित है। बहने की खबर गलत है। तभी हमने बालकृष्ण के भतीजे विवेक भार्गव से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि वह बुलेरो से आए हुुए थे। पर नदी पर पानी अधिक होने से हम नदी पर रूक गए। तभी बस आई और उसमें से हमारे चाचा उतरे और उतरकर लोगों को हटाते हुए कहा कि आप हटों मुझे देखने दो। तभी वह गिर गए और नदी के तेज बहाब में बह गए।
अब एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा इस तरह का बयान कहा तक सार्थक है। अगर यह खबर झूठी है तो फिर बालकृष्ण को पुलिस अभी तक सामने क्यों नहीं ला पाई है। पोहरी एसडीओपी इस मामले में बहे युवक को तलाशने के जगह इस मामले को दबाने की कोशिश क्यो कर करे है समझ से परे है।
पुलिस अपनी कमी को छिपाने के लिए इस तरह के बयान देकर क्या साबित करना चाहती है। पुलिस इस मामले में प्रत्यक्षदर्शीयों से पूछकर रेस्क्यू करने की बजाए इस तरह की बयान जारी कर रही है।