परिवार परामर्श केन्द्र: बेटी को देख भावुक हुआ पिता और हो गया समझौता

शिवपुरी। स्थानीय पुलिस कंट्रोल रूम में शनिवार को आयोजित परिवार परामर्श केन्द्र के शिविर में कुल 35 प्रकरण प्रस्तुत किये गए। इसमें जहां 14 प्रकरणों में समझौता करा कर अब तक का समझौतों कराया गया। वहीं 01 प्रकरण में  498 वैधानिक कार्यवाही की अनुशंसा की गई। 05 प्रकरणों में एक पक्ष अनुपस्थित रहा वहीं 11 प्रकरणों में दोनों पक्ष अनुपस्थित थे। 03 प्रकरणों को न्यायालय भेजने की अनुशंसा की गई। 1 प्रकरण में पुन: आगामी दिनांक नियत की गई है। ग्वालियर जॉन के आईजी अंशुमन यादव के कुशल मार्गदर्शन एवं शिवपुरी जिला पुलिस अधीक्षक सुनील पाण्डेय के नेतृत्व में अनवरत चलाए जा रहे जिला पुलिस परिवार परामर्श शिविर रविवार को आयोजित किया गया। जिला पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र के शिविर में परामर्शदाताओं के प्रयास और पारिवारिक समझाइश से 14 बिछड़े परिवारों में सुलह कराई गई। 

अशोकनगर निवासी राजेश का विवाह नरवर निवासी सोभना के संग हुआ था और इनके विवाह को दो वर्ष हुए थे इन दोनों के बीच आपसी विवाद के कारण सोभना विगत 5 माह से अपने मायके में ही रह रही थी और उसके बेटी हुई थी। आज जब दोनों पति-पत्नि की काउन्सलिंग की गई तो पहली बार पिता ने अपनी बेटी को देखा और भावुक हो गया और बच्ची को गोद में लेकर सारे गिले सिकवे भूल गया और समझाईश के बाद दोनों फिर से एक हो गए। 

इसी तरह दतिया निवासी राजो का विवाह करैरा निवासी राजा के साथ हुआ था। इसके तीन बच्चे नहीं रहे और वर्तमान में दो बेटी हैं। पति न तो खर्च का पैसा देता था न ही मदद करता था और उक्त महिला सिलाई करके अपने बच्चों की परवरिश कर रही थी। स्थिति यह थी कि अपनी दुधमुही बच्ची के लिए वह दूध का डिब्बा खरीदने की स्थिति में भी नहीं थी। 

काउन्सलरों ने इन दोनों में समझौता कराया और वरिष्ठ काउन्सलर भरत अग्रवाल नारियल वालों ने 2 हजार रूपए अपनी ओर से उस बच्ची को दूध के लिए दिए। एक अन्य प्रकरण में जेठ और बहू के बीच संपत्ति को लेकर विवाद था। बदरवास कस्बे के रामजी जो कि जेठ था। उसका अपने छोटे भाई वद्री की पत्नि से मकान में रास्ते को लेकर विवाद था। 

बद्री की पत्नि का आरोप था कि उसके मकान का रास्ता रोका जा रहा हैं काउन्सलरों ने बहुत समझदारी के साथ इन दोनों परिवारों के बीच समझौता कराया और अब छोटा भाई बड़े भाई की उक्त पोरसन को तीन लाख रूपए में खरीदकर रास्ते का विवाद समाप्त कर देगा। आज शिविर में महिला सैल के नए प्रभारी डीएसपी धर्मेन्द्र सिंह तोमर, ग्वालियर से आई टीम का भी पुष्पहारों द्वारा स्वागत किया गया। 

इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमल मौर्य, जिला संयोजक आलोक एम इंदौरिया, डीएसपी महिला सैल प्रभारी धर्मेन्द्र सिंह तोमर, संतोष शिवहरे,  राजेन्द्र राठौर, हरवीर सिंह चौहान, समीर गांधी, डॉ. विजय खन्ना,भरत अग्रवाल, राजेश गुप्ता, राकेश शर्मा, नरेश कुमार गौंडल,सुरेशचन्द्र जैन, डॉ. इकबाल खान, सुरेन्द्र साहू, मथुरा प्रसाद गुप्ता, शंभूदयाल पाठक, महिपाल अरोरा,प्रीति जैन, रवजीत ओझा, बिन्दु छिब्बर, गुंजन खैमरिया, किरण ठाकुर, खुशी खान, उमा मिश्रा, स्नेहलता शर्मा, मृदुला राठी, नम्रता गर्ग, नीरजा खण्डेलवाल,एएसआई बेबी तबस्सुम सहित महिला सेल का स्टाफ मौजूद था। 

माँडल बना परामर्श केन्द्र शिवपुरी
शिवपुरी जिले के लिए ये गर्व का विषय हैं कि शिवपुरी जिले का परिवार परामर्श केन्द्र अपनी मेहनत और सफलता के कारण सारे प्रदेश में एक माँडल केन्द्र के रूप में जाना पहचाना जाने लगा है। निश्चित रूप से पुलिस अधीक्षक सुनील पाण्डेय और एडि. एसपी कमल मौर्य के साथ परामर्श केन्द्र के सभी सदस्य और महिला सैल के कर्मियों की मेहनत का ये परिणाम हैं। 

रविवार को ग्वालियर पुलिस की उप निरीक्षक श्रद्धा उपाध्याय के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने एक चार सदस्यीय टीम शिवपुरी भेजी थी जिसने आज के शिविर में भाग लिया। इस अवसर पर जिला संयोजक आलोक एम इंदौरिया ने इस टीम को विस्तार से समझाया कि शिविर कैसे संचालित होता है, काउन्सलिंग कैसे की जाती है, समझौता कैसे कराया जाता है और विवादों का हल किस तरह किया जाता ह उन्होंने इसको सीखा और वीडियो ग्राफी भी की। 

इस चार सदस्यीय दल ने शिवपुरी केन्द्र की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि हमें इससे बहुत कुछ सीखने को मिला और हम इसकी रिपोर्ट हमारे पुलिस अधीक्षक महोदय को सौंपेंगे। ताकि शिवपुरी की ही तरह एक विकसित और उन्नत केन्द्र की तरह ग्वालियर  भी और वेहतर तरीके से काम करके पीडि़त लोगों की सहायता कर सके और परिवारों का विखण्डन रोका जा सके।