
बताया जा रहा है कि मनियर तालाब के नीचे के क्षेत्र में पिछले चार दिनों से 25 घरों में चार-चार फीट तक पानी भरा हुआ है। यहां से निकले नाले को कब्जा कर पाट देने से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। पानी भरने के बाद कुछ लोग अपना घर छोडकर किसी दूसरी कॉलोनी में किराए के मकान में रहने पहुंच गए हैं।
वहीं नगर पालिका ने मंगलवार को जेसीबी से खुदाई कर अस्थाई नाला बनाया। बुधवार को यहां से पानी निकालने के लिए मोटर पंप रख दिया। दिनभर पानी निकालने की कोशिश जारी रही लेकिन पानी कम नहीं हुआ। अब तहसीलदार ने पटवारी से सीमांकन कर जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा है ताकि यह पता चल सके कि किन लोगों ने नाले को पाटा है।
जानकारी आ रही है कि तालाब के नीचे एक व्यक्ति ने पानी निकासी वाली जगह पर दीवार खड़ी कर दी है। पानी निकलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं होने की वजह से जल भराव हो गया है। इसके अलावा नाला कहां थाए इसका भी रिकॉर्ड नहीं मिल पा रहा है। राजस्व विभाग इसकी जांच करा रहा है। जांच के बाद तोडफोड की जाएगी।
मनियर तालाब के नीचे राजू प्रजापति, छाया प्रजापति, रामबाबू गडिया, चंपा धाकड और लाली रजक आदि ने मिडिया को अपनी समस्या बताई। महिला लाली रजक की पाटौर आधी पानी में डूब गई है। लाली डेढ हजार रुपए में किराए से मकान लेकर रह रही है। अन्य लोग भी किराए के मकानों में रहने चले गए हैं। कुछ लोग पानी से घिरे अपने ही मकानों में रहने को मजबूर हैं। बीच शहर में डूब जैसे हालात बन रही है। नगर पालिका ने प्रयास जैसा कुछ नही किया है। केवल जनता का मन समझाने के लिए काम कर रही है। जिला प्रशासन भी केवल बाढ और जलभराव को लेकर खबरे प्रिंट कर रहा है।