शिवपुरी। अभी हाल में शिवपुरी की मिडिया ने एक मामला प्रमुखता से उठाया था कि शिवपुरी नगर पालिका में फर्जी बीपीएल कार्ड बनाए जा रहे है। ऐसा बताया जा रहा था कि नगर पािलका में घुस लेकर आपात्रो को राशन कार्ड बनाए जा रहे है। इस खबर के असर पर एक तहसीलदार ने नपा कार्यालय के बीपीएल कार्ड के संबंधित रूम को सील कर दिया है। जानकारी के मुताबिक तहसीलदार गजेन्द्र लोधी अचानक नगर पालिका कार्यालय पहुंच गए। राशन कार्ड से संबंधित कक्ष में पहुंचकर नौ राशन कार्ड कब्जे में ले लिए। जांच पड़ताल करने पर पता चला कि संबंधित कार्ड में किसी के हस्ताक्षर नहीं थे और बीपीएल कार्ड जारी करने संबंधी आदेश भी दर्ज नहीं था।
प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध पाए जाने पर कार्ड जब्त कर अलमारियां सील कर दी हैं। तहसीलदार लोधी का कहना है कि कलेक्टर के निर्देश पर उन्होंने यह कार्रवाई शुरू की है। चुनाव के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंस होने की वजह से आगे कार्रवाई जारी नहीं रख सके। अब शनिवार को राशन कार्डों की जांच करेंगे।
बताया जा रहा है कि नगर पालिका शिवपुरी में लगभग 300 कार्ड बनाए गए है इनमे से लगभग 200 बीपीएल राशन कार्ड बनाए गए है। इस मामले में नपा के 4 कर्मचारी राम तोमर, सुनीता कुशवाह, नीरज श्रीवास्तव, मोहन शर्मा को नोटिस जारी कर दिए है। इस मामले में प्रभारी सीएमओ गोविंद भार्गव का कहना है नगर पालिका में 39 वार्ड से कई पार्षदों के दबाव में आकर कर्मचारी राशन कार्ड बना देते हैं। इसलिए इस मामले की जांच वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से कराने के लिए हमने कलेक्टर को पत्र लिखा था।
इस मामले में अपने राम का कहना है कि जब प्रभारी सीएमओ को ज्ञात था कि कर्मचारी दबाब में आकर फर्जी राशन कार्ड बना रहे तो सीएमओ ने कलेक्टर को पत्र लिखने से पूर्व इन कर्मचारियो को बीपीएल राशन कार्ड प्रभारी के जगह से हटाया क्या नही। बताया जा रहा है कि फर्जी राशन कार्ड नपा में ही बनाए जा रहे थे इन पर सील साईन भी नपा में लगाई जा रही थी।
कार्डो धारको से 5 हजार रू प्रति कार्ड वसूला गया है। कार्ड बनाकर हितग्राही को दे दिया जाता था और उसे कूपन और अन्य सुविधाए नही मिलती थी तो वह नपा में चककर लगाता था। कई हितग्राहियो ने इस बात की शिकायत सीएमओ से पूर्व में की थी तब ही इस काण्ड को रोका क्यो नही। जब मिडिया ने इस मामले को उठाया तो आनन-फानन में बचने के लिए कलेक्टर को पत्र लिया गया। इस राशन काण्ड में केवल नपा के यह 4 कर्मचारी दोषी नही है। नपा के वरिष्ठ अधिकारियो के बिना संज्ञान के कर्मचारी फर्जी सील साईन नही ठोक सकते है।