शिवपुरी। खनियाधानां के राजमहल में स्थित रामजानकी मंदिर के लगभग 55 किलो सोने के कलश के चोरी के विरोध में खनियाधाना नगर के व्यापारियो ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए है। जल्द की चोरी हुआ कलश नही मिला तो उग्र आंदोलन की धमकी दी है। पुलिस ने इस मामले में तत्काल सक्रियता दिखाते हुए अपनी टीमे महाराष्ट्र में रवाना कर दिया है।
ऐतिहासिक महत्व है इस रामजानकी मंदिर का
खनियाधाना रियासत में इस मंदिर का विशेष महत्व है,मंदिर के सरक्षंक शैलेन्द्र सिंह पुत्र भानुप्रताप सिंह का कहना है कि महल में स्थित रामजानकी मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है, हमारे पूर्वजो ओर इस जनता की जनता की आराधना स्थली रही है। 300 वर्ष पूर्व जब इस मंदिर का निर्माण कराया गया था तब ओरछा धाम के रामराजा सरकार के मंदिर और खनियाधानां के इस रामजानकी मंदिर के कलश का निर्माण कराया था। और दोनो मंदिरो की गुबंदो पर एक साथ दोनो कलशो को स्थापित किया था।
सन 83 और 2006 में भी हुआ था चोरी का प्रयास
बताया जा रहा है कि वर्ष 1983 और 2006 में भी चोरो ने मंदिर के कलशों को चुराने का प्रयास किया था,लेकिन चोर इस कलश को चोरी करने में सफल नही रहे, चोरो को चोरी करते ही पुलिस ने धर दवौचा। सन 2006 में कुछ अज्ञात चोर मंदिर की गुम्बद पर चढने में सफल हो गए थे, लेकिन कलश को उतार नही सके और वह चोरी में प्रयुक्त समान वही छोड कर भाग गए थे।
हाई प्रोफाईल चोर है, चूड़ीया से खोली है कलश की
बताया जा रहा कि अभी कुछ दिन पूर्व मंदिर में पुताई का काम चला था, महाराष्ट्र के नांदेड के उक्त मजदूर बताए जा रहे है। इस 55 किलो सोने के वजनी कलश की लम्बाई 4 फुट बताई जा रही है। उक्त कलश मंदिर के गुंबद पर चुड़ीयो से कसा हुआ था। चोरो ने मंदिर के गुंबद पर लगे पत्थरो के कंगूरो की सहयता से चढे है,और कलश की चूड़ीया खोल कर उतारा है। चोरो की गैंग ने इस मंदिर की रैकी की है। पुलिस को वहां चोरो के जूतो के निशान मिले ह। पुलिस का डॉग कुछ दूरी तक गया और लौट आया। पुलिस ने अपनी टीमे महाराष्ट्र की ओर रवाना कर दी है।
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