यह फोटो किसी मेले का नहीं अपितु पानी के लिए लगी भीड़ का है, बिजली विभाग की लापरवाही से पैदा हुआ जलसंकट

कोलारस। यह फोटो जो आपके सामने दिख रहा है। यह किसी मेले या भीड़भाड़ में हुए किसी हादसे का नहीं है अपितु यह फोटो जिले में चल रही भीषण जल संकट के लिए पानी के लिए चल रही मारमार का है। पूरे प्रदेश में इस समय गर्मी चरम पर है। इसके कारण शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में पानी की विकट समस्या पैदा हो गई है। ग्रामीण क्षेत्र के अलावा शहर के कई वार्डों में भी भीषण जल संकट देखा जा रहा है।

पानी की समस्या दूर करने के लिए स्थानीय प्रशासन के दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं। हालांकि इलाके में जल संकट को देखते हुए। शासन द्वारा जरूरी दिशा निर्देश दिये जा रहे है लेकिन इका कोई खासा असर देखने को नही मिल रहा है। ग्रामीण अंचलो में लोग पानी के लिए दिन रात जद्दोजहद करते देखो जा सकते है। जल संकट से जूझ रहे ग्रामो में कुछ तो अल्पवर्षा के कारण हालात बन रहे है। कुछ जिम्मेदार विभाग द्वारा हालात निर्मित किये गए है। ऐसे में पानी कि विकराल होती समस्या लोगो के लिए मुसीबत बनी हुई है। 

ऐसा ही जल संकट का मामला कोलारस अनुविभाग के ग्राम उकावल में सामने आया है। जहां हरिजन बस्त कि डीपी पिछले तीन हफतो से खराब पड़ी है। जिस कारण गांव में लगा बोर बंद है। जिससे गांव में निासरत लोगो को पानी के लिए 2 से 3 किमी का सफर करके पानी लाना पड़ रहा है। ऐसी विकराल गर्मी में पानी के लिए लंबा सफर करना ग्रामीण महीलाओ बच्चों के लिए घातक साबित हो रहा है। ग्रामीणो का कहना है। कि पिछले कई दिनो से गांव की डीपी खराब है। 

हमने बिजली विभाग में शिकायत भी की है। लेकिन अभी तक बिजली विभाग द्वारा डीपी को सही नही कराया गया। ग्रामीणो का कहना है गांव में पानी के लिए कई हैडपंप है लेकिन हैडपंपो में पानी नही है एक हैडपंप चालू है जो पानी दे रहा है। ऐसे में पानी के लिए लगा एक बोर भी बिजली विभाग की लापरवाही के कारण बंद पड़ा हुआ है। जिसके चलते ग्रामीण लंबा सफर तय करकर दूर खेतो से पानी लाने को मजबूर है। 

निजी बोर पर लगता है पानी के लिए मेला - 
बताया जाता है कि उकावल में बिजली समस्या के चलते बंद पड़े बोर के कारण लोग नीजी बोर पर आश्रित है नीजी बोर संचालक सुबह शाम बोर जब चालू करता है तो बोर पर महिलाओ और बच्चों का पानी के लिए हुजूम उमड़ पड़ता है। ऐसे में ज्यादातर ग्रामीण बिजली विभाग कि लापरवाही के कारण जलसंकट से जूझ रहे है।