कैसे भेजे अपने ननिहालों को शासकीय स्कूल: शिक्षक स्कूलों को छोड़ कोचिंगों पर दे रहे है ध्यान

0
सतेन्द्र उपाध्याय शिवपुरी। शहर में हर गली मौहल्ले में कुकुरमुत्तों की तरह पनपे शिक्षा के ठेकेदारों और शिक्षा विभाग के सरदार के बीच के अनैतिक गठबंधन के बीच शहर के भोले भाले मासूम एक बार फिर पिसने को तैयार है। शिक्षा विभाग के यह ठेकेदार अभी से सक्रिय हो गए है और मासूमों के पेंरेंटस इस मामले से वाकिफ होने के बाद भी उच्च शिक्षा के लिए अपने मासूमों के भविष्य के साथ खिलबाड़ कर रहे है। 

विदित हो कि पिछले वर्ष शिवपुरी समाचार डॉट कॉम द्वार शिक्षा विभाग के इस माफियाओं की खबरों को लगातार प्रकाशित करने के बाद डीपीसी शिरामणि दुबे ने शक्त रूख दिखाते हुए इन शासकीय शिक्षक जो शासकीय स्कूलों को छोडकऱ कॉचिंग के नाम पर अपनी दुकान चला रहे शासकीय शिक्षकों के कोंचिंग सस्थांनों पर छापेमार कार्यवाही करते हुए कोंचिंग संचालित करते हुए कई शासकीय शिक्षकों को दबौचा था।

इन शिक्षकों को दबौचने के बाद इन शिक्षकों के संस्थानों को ताला लग गया। अब मोटी-मोटी फीस देकर छात्र-छात्राएं भटकते रहे। शिक्षण सत्र को बीच में छोडकऱ अब यह छात्र-छात्राए जाए तो कहा जाए। इसके परिजन भी लगातार इससे परेशान होते रहे। परंतु शिक्षा के इन व्यापारीयों ने मोटी-मोटी फीस पहले ही उक्त छात्रों से बसूल ली थी। तो अब इनके सामने पढाई की परेशानी उत्पन्न हो गई। जब इन शिक्षा माफियाओं से स्टूडेंटों की फीस बापिस मांगी गई तो उन्होंने प्रशासन का डंडा कहकर मामले से इतिश्री कर ली। उसके बाद इन शिक्षा माफियाओं ने कोंचिंग का स्थान बदलकर अपनी दुकानें फिर सजा ली। 

इस मामले में शिवपुरी समाचार डॉट कॉम हमेशा से ही छात्रों के हित में खड़ा होता रहा है। लेकिन प्रशासन हमेशा से ही मूक बना हुआ है। पिछले बर्ष खबरें प्रकाशित होने के बाद इन सस्थांनों पर कार्यवाही तो की गई। परंतु उसके बाद यह शिक्षा के ठेकेदार अपनी हरकतों से बाज नहीं आए। प्रशासन से लोगों की मांग है कि छात्रों के हित को ध्यान में रखकर या तो इन कोंचिग संचालकों को अनुमति दे दे। या फिर इनकी दुकानों को बंद कराया जाए। जिससे छात्रों के भविष्य के साथ खिलबाड़ नहीं हो सके। 
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!