
इसके साथ ही रन्नौद नायाब तहसीलदार ने किसानो को हाथ से लिखी पर्ची बनाकर अपने हस्ताक्षर करके दे दी। और किसानो से कहा कि यही तुम्हारा टोकन है। जबकी किसानो को ऑनलाईन टोकन दिये जाने थे जिसके चलते किसानो की फसल ऑनलाईन दर्ज नही हो सकी और समर्थनमूल्य कि साईड बंद हो गई। किसान अपनी फसल के भुगतान के लिए सरकारी अधिकारीयो के दफ्तरों के चक्कर काट रहे है। संस्था संचालक ने एक पत्र के द्वारा अपना स्पष्ठीकरण देते हुए कहा है सभी किसानो का ऑनलाईन टोकन नही है जिससे यह परेशानी आई है।
किसानो का कहना है नायब तहसीलदार और संस्था संचालक पर सांठगांठ के आरोप लगाते हुए किसानो को गुमराह कर रहे है। किसानो का कहना है अगर नायब तहसीलदार ऑनलाइन टोकन देते तो आज यह नौबत नही आती। सादा कागज पर पर्ची किसानों का करीब 379 बोरी फसल का न तो पैसा मिल रहा न ही फसल वापस दी जा रही है।
किसानो को बीते 15 दिनो से एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी के पास चक्कर लगा रहे है किसानो का कहना है अगर हल नही हो रहा हो तो हमारी फसल वापस की जाए इस विषय पर जब किसानो ने संस्था संचालक से बात की तो सोसायटी के जिम्मेदार फसल के बदले मिट्टी मिली खराब चना वापस दे रहा है ऐसे में किसानों ने कोलारस एसडीएम से न्याय की मांग की है।