बीच बाजार में सांडों का मल्लयुद्ध: नपा की लापरवाही ने ली 78 वर्षीय महिला की जान

शिवपुरी। इस दिनों शहर में आए दिन शहर की सडक़ों पर आवारा सांडों का मल्लयुद्ध कही भी देखने को मिल सकता है। परंतु इस युद्ध के लिए जिम्मेदार नगरपालिका के अधिकारी भ्रष्टाचार करने में व्यस्त है। उन्हेंं इन आवारा सांडों से कोई मतलब नहीं है। बीते रोज नगरपालिका की लापरवाही का नतीजा एक 78 वर्षीय महिला को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। जानकारी के अनुसार शहर के घोसीपुरा में कोलियों के मंदिर के पास बीच सडक़ पर दो सांडों की लड़ाई में 78 साल की एक महिला की जान चली गई। बैंक से पेंशन लेकर पैदल लौट रहीं हक्की बाई सांडों के बीच फंस गई। एक सांड ने वृद्ध महिला के सिर में सींग मार दिया। हमले में गंभीर रूप से घायल होने पर शिवपुरी जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

इस घटना के बाद शहर के लोगों मेें नगर पालिका के खिलाफ आक्रोश है। बीच शहर में घूम रहे आवारा सांड और मवेशियों के कारण जनता की जान को खतरा बढ़ गया है। यहां बता दें कि सांडों के हमले से कई लोग घायल हो चुके हैं। इसके बाद भी नगर पालिका ध्यान नहीं दे रही है। 

जानकारी के अनुसार संजय कॉलोनी निवासी मुताबिक हक्की बाई शाक्य उम्र 78 वर्ष पत्नी स्व उदुआराम शाक्य सोमवार को पेंशन लेने के लिए घर से बैंक के लिए निकली थीं। बैंक से पेंशन निकालने के बाद वे अपने की ओर लौट रहीं थी, तभी रास्ते में घोसीपुरा में कोलियों के मंदिर के पास दो सांड लड़ रहे थे। इन्हीं सांडों की चपेट में हक्की बाई आ गईं। सांड का सींग हक्की बाई के सिर में लगा। वे बेहोश होकर वहीं गिर गईं। हक्की बाई के पास मौजूद पासबुक से उनका घर का पता देखकर उनके बेटे सुंदरलाल शाक्य को सूचना दी गई। सुंदरलाल के अनुसार घायल मां को उठाकर घर लाए और ऑटो से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल में ऑक्सीजन लगाया लेकिन देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। 

नपा की लापरवाही की हद है... 
इस घटना के बाद भी नपा गंभीर नहीं। मंगलवार को अस्पताल चौराहे पर फिर सांड भिड़ गए। बीते रोज न्यू ब्लॉक में भी भैराबाबा मंदिर के पास लगभग 1 घण्टे तक सांड लड़ते रहे। 

मानवता शर्मसार: आधा घंटा तड़पती रही वृद्धा, कोई भी ऑटो वाला अस्पताल ले जाने को तैयार नहीं हुआ हक्की बाई के बेटे सुंदरलाल ने बताया कि मां के घायल होने की सूचना के दस मिनट में ही मौके पर पहुंच गए। इलाज के लिए अस्पताल ले जाने फिजिकल रोड पर खड़े कई ऑटो वालों से गुहार लगाई, लेकिन एक भी ऑटो वाला तैयार नहीं हुआ। फिर पड़ोसी को बुलाने गए जो अपना ऑटो लेकर आया। इसमें करीब आधा घंटे बीत गया फिर ऑटो से अस्पताल ले जाकर मां हक्की बाई को भर्ती कराया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।