
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोलारस में हुए उपचुनाव के बाद से ही कांग्रेस ने भाजपा पर मतदाता सूची में गडवड़ी का आरोप लगाया था। इस आरोप को लेकर कांग्रेस ने उक्त मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की थी। चुनाव आयोग के शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने इस मामले में तत्कालीन कलेक्टर तरूण राठी को दोषी माना था। तत्कालीन कलेक्टर तरूण राठी के शिवपुरी से हुए ट्रांसफर का एक कारण यह भी माना गया था।
कलेक्टर तरूण राठी के ट्रांसफर के बाद शिवपुरी की कमान श्रीमति शिल्पा गुप्ता के हाथों में आई। कलेक्टर शिल्पा गुप्ता ने तरूण राठी द्वारा की गई भूल को सुधारने का सबसे पहले बीड़ा उठाया और लगातार बीएलओ की बैठक लेकर मतदाता सूची में हुए घालमेल हो सुधारने का जिम्मा सौंपा। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कई बीएलओ पर कलेक्टर गुप्ता ने कार्यवाही भी की।
उसके बाद बीएलओ सक्रिय हुए और आनन-फानन में सूची में सुधार करते हुए कोलारस विधानसभा क्षेत्र से ही लगभग 14 हजार फर्जी नामों को डिलीट कर दिया गया। अब एक साथ 14 हजार नाम डिलीट होना अपने आप में बड़ी बात है। क्योकि कोलारस विधानसभा में हुए चुनाव में हार जीत का अंतर महज 8 हजार बोटरों ने तय किया था।
इनका कहना है-
हां लगातार मतदाता सूची में नामों को लेकर सुधार कार्य चल रहा है। जिसमें सुधार किया जा रहा है। अब कितने नाम डिलीट किए है। यह तो संजीव जैन जी ही बता पाएगें।
प्रदीप तोमर, एसडीएम कोलारस
यह प्रक्रिया तो महज हर साल होती है। जिसमें जन्में और मृतकों के नाम जोड़े और हटाए जाते है। अब यह प्रक्रिया तो कोलारस में पिछले छ: माह से चल रही है। अब कितने नाम कम हुए है। यह अभी क्लीयर नहीं है। अभी सूची में सुधार का काम चल रहा है।
संजीव जैन, जिला निर्वाचन अधिकारी शिवपुरी