
बताया गया है कि वीरा में आदिवासी समुदाय के लोगों द्वारा आसमानी माता मंदिर पर भोजन बनाया जा रहा था, तभी कुछ लोगों ने शराब के नशे में खलियान में रखे घास को आग के हवाले कर दिया। घांस तीन जगह रखी हुई थी और तीनों जगह पर आग लगाई गई एवं भूसे के ऊपर कचरा डालकर आग लगाई गई थी। आग लगाने बालों की संख्या तीन से चार होना बताया जा रहा है।
जिस समय खलियान में आग लगी थी उस समय बहां पर चार व्यक्ति खेतों में मौजूद थे, जो आग लगने पर वहां से भाग गए एवं सुबह से गांव से फरार होना बताया जा रहा है। जब लोगों से पूछताछ की तो बबलू, पप्पू, रामसिंह एवं बालकिशन आदिवासी आग लगने के समय खलिहा\न के पास थे और लोगों का संदेह होने पर गांव से भाग निकले। मामले में पुलिस ने बताया कि अभी तक उनके पास कोई शिकायत लेकर नहीं आया है। अगर शिकायत आएगी तो कार्रवाई की जाएगी।