
इस फोगिंग मशीन घोटाले की शिकायत एडवोकेट विजय तिवारी ने 28 मई 2014 को लोकायुक्त से की थी। तबसे लेकर अब तक इस मामले में लोकायुक्त जांच चल रही है। लोकायुक्त ने 26 अगस्त को तत्कालीन सीएमओ पीके द्विवेदी, अशोक शर्मा स्वास्थय अधिकारी नपा अब रिटायर्ड, भारत भूषण पांडे,स्वच्छता निरिक्षक अब रिटायर्ड,सुखदेव शर्मा स्वच्छता निरिक्षक सहित इस मशीन को सप्लाई करने वाले ठेकेदार सत्यम पाठक के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 और भारतीय दंड संहिता 1860 के तहत दोषी मानते हुए पहले ही केस दर्ज कर लिया था।
बताया जा रहा है कि जो सफाई मशीन और बांड सप्लाई करने के टेंडर नपा ने लगाए थे,उसकी जगह दूसरी मशीन व कंपनी की सप्लाई कर दी गई। अपत्ति के बाद भी ठेकेदार के बिल को पास करते हुए पेमेंट कर दिया गया। इसमें सबसे खास बात यह रही है कि ठेकेदार द्वारा जो बिल नपा को दिया उसमें ने तो ठेकेदार का कोई पंजीयन व टिन नंबर अंकित नही था।
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