कवि सम्मेलन: नेता अगर हिम्मत दिखलाते तो यह बंटवारा बच सकता था

शिवपुरी। स्वर्गीय बल्लभदास जी गोयल की स्मृति में अखिल भारतीय साहित्य परिषद शिवपुरी द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन संपन्न हुआ। कवि सम्मेलन में पधारे विदिशा के हास्य कवि नीलेश धांसू ने पैरोडी कर चले हलुआ हम खत्म साथियो, अब तुम्हारे हवाले बर्तन साथियो से हास्य का रंग जमाया। स्थानीय कवि अमित उपमन्यु ने तुमको पाने के सपने सजाने लगे, तुमसे दूर हमे भी सताने लगी सुना श्रोताओं की वाह वाही लूटी। आशुतोष ओज ने नौकरी का किस्सा सुना तालिया बटोरी व अपनी कविता देशद्रोही वाणियो पे बस हो लगाम यहाँ चुप लाल भारती के बैठ नही पाएंगे जैसे ही सुनाई पूरा सदन भारत माँ के जयकारों से गूंज उठा।

श्रृंगार रस की कवियित्री गीतिका वेदिका ने हम तुमको न भूल पायेंगे, याद कर कर दिन यू बिताएँगे की शानदार प्रस्तुति दी। ओरछा से आये कुशल संचालक सुमित मिश्रा ने नेता हिम्मत दिखलाते तो किस्सा ये टल सकता था,हर हालत में बंटवारा भी रुक सकता था से सदन की खूब तालियां बटोरी।

पूरे कवि सम्मेलन का संचालन सुमित ओरछा ने हास्य के चुटीले अंदाज में किया व पूरे समय तक श्रोताओं को बांधे रखा। कवि सम्मेलन में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेन्द्र शर्मा,धैर्यवर्धन शर्मा,मंडल अध्यक्ष भानु दुबे,व्यापारी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक भरत अग्रवाल पूरे समय मुख्य रूप से उपस्थित रहे। 

सभी अतिथियों व कवियों ने सर्वप्रथम भारत माता व स्वर्गीय बल्लभदास जी गोयल के चित्र के आगे दीप प्रज्वलन कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। तत्पश्चात अमन गोयल व राजेश गोयल ने सभी अतिथियों व कवियों का माला पहना कर स्वागत किया। 

भूमिका के बारे में बोलते हुए अमन गोयल ने कहा कि उक्त कवि सम्मेलन तीस वर्षों से अधिक समय तक 1993 तक चला जब तक स्वर्गीय गोयल जीवित रहे उनके चले जाने के बाद 2016 से अखिल भारतीय साहित्य परिषद के सहयोग से यह कवि सम्मेलन 22 वर्षो के बाद पुन: प्रारम्भ हो पाया जो निरंतर जारी रहेगा एक स्वस्थ परम्परा जो शुरू हुई है वह नगर में जारी रहेगी। आभार प्रदर्शन अंत मे श्री राजेश जी गोयल ने किया। श्रोताओं ने कवि सम्मेलन की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।