पलायन बना मजदूरों का काल: BHIND में एक और आदिवासी मजदूर की मौत

शिवपुरी। पिछले 3 वर्षो से लगातार सूखे की मार झेल रहे जिले से मजदूरों का पालायन जारी है। प्रशासन की सारी योजनाए धरातल पर दम तोड रही है। मजदूरी की कोई व्यवस्था जिले में नही है और मनरेगा अपनी मनमर्जी से संचालित है। इसका खमियाजा मजदूर अपनी जान देकर चुका रहे हैं। अभी भिंड में भूख से तडपकर 2 साल की बच्ची की मौत के बाद भिंड में एक मजदूर की रहस्मयी मौत का मामला प्रकाश में आया है। 

जानकारी के अनुसार खोड चौकी के ग्राम चुनककरा निवासी आदिवासी मजदूर की भिण्ड के ग्राम सिंहपुरा में हुई असहज मौत के ममाले में आदिवासियों ने आज पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर पूरे मामले की जांच कराए जाने और दंबग ठेकेदार करूठे यादव पर प्रकरण दर्ज किए जाने की मांग की है। 

बताया गया है कि चुनककरा चौकी खोड तहसील पिछोर के तमाम आदिवासी परिवार सिंहपुरा जिला भिण्ड में मजदूरी करने करूठे यादव के यहां गए हुए है। इनमें कुंवरदे आदिवासी का पति हरनाम आदिवासी भी शामिल था। 

कुंवरदे आदिवासी का कहना है कि उसके पति को करूठे यादव ने 6 मार्च की शाम को अपनी मोटर साईकिल पर बैठाकर यह कहकर ले गया कि चल गद्दा पल्ली लेकर आते है। इसके बाद उसका पति घायल अवस्था में मिला जिसके सिर और सीने में गंभीर चोटे लगी थी। 6 और 7 मार्च की रात में हरनाम की मौत हो गई। 

कुवंरदे आदिवासी का कहना है कि उसने लाश का पीएम कराने का प्रयास किया तो ठेकेदार ने उन्हें धमकाया और लाश को बिना पीएम कराए ही ग्राम चुनककरा पहुंचा दिया और वहां उसका अंतिम संस्कार कर दिया। 

पीडिता का कहना है कि इस घटना के बाद अन्य आदिवासी परिवार भी भिण्ड से अपने गांव वापस आ गए। किसी भी आदिवासी को वहां के दबंग ठेकेदार करूठे यादव ने मजदूरी के पैसे नही दिए है। इस पूरे प्रकरण की जांच कराकर पीडिता को न्याय दिलाए जाने की मांग आदिवासीयों ने की है। 

इनका कहना है
शिवपुरी के हजारो के अदिवासी मजूदरी करने दूसरे जिले व प्रांतो में गए है। अभी कोलारस के बेरखेडी और धर्मपुरा के युवा कोलारस एसडीओपी सुजीत सिंह भदौरिया और सहरिया क्रांति के प्रयास से गुजरात की एक फैक्ट्री से 23 युवाओं को मुक्त करया। जिले में रोजगार होने से भंयकर पलायन जारी है। 
सहरिया क्रांति सयोजक
संजय बैचेन