
कोलारस टीआई अवनीत शर्मा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 में दीपक अठावले ने शाखा प्रबंधक रहते हुए अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में झाड़ेल के रहने वाले आरोपी रामप्रकाश धाकड़ के साथ फर्जी तरीके से 54 ग्रामीणों के नाम पर खाते खोले और उनके फर्जी कागजात तैयार कर उनके खाते पर केसीसी बना दी। जिसकी 68 लाख 84 हजार रूपए की राशि बैंक से आरोपीगणों ने हड़प ली। बाद में जब वर्ष 2016 में आरोपी दीपक का स्थानांतरण हुआ तो बैंक ने केसीसी धारकों को वसूली हेतु नोटिस जारी किए।
तब उक्त ग्रामीणों ने बैंक शाखा से संपर्क साधा तो उन्हें ज्ञात हुआ कि उनके नाम पर केसीसी जारी की गई है जिसकी शिकायत सभी पीडि़तों ने बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों से की। बैंक द्वारा जांच करने पर पाया गया कि उक्त सभी केसीसी फर्जी है जिस पर बैंक प्रबंधन ने मामले में एफआईआर करने के लिए थाने में आवेदन दिया और कल पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली।
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