
कार्यक्रम के दौरान उस समय सबकी आंखें नम हो गईं जब ये विदाई गीत गूंजा -
सूना है आंगन, और सूना ये मन
गुरुबर न जाओ, कहती है धडक़न।
तुम छोड़ के जाओगे, हम सबको रुलाओगे,
यादों के मीठे पल, हर दम याद आऐंगे।
इस प्रस्तुति के अलावा कक्षा 6 व 7 के छात्र छात्राओं ने माल्यापर्ण कर अपने सीनियर्स को आत्मीय भाव से विदा किया यह बड़ा ही भावुक क्षण था। विद्यालय परिवार के सदस्यों ने सभी बच्चों को अगले सफर के लिए शुभकामनाऐं दीं और कहा कि हर एक अंत एक नया प्रारम्भ होता है, इसलिए जिस सफर पर अब जा रहे हो वह मंगलमय हो।
केएन भार्गव, भगवत शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि ये स्कूल से विदाई भले ही है मगर हमारे दिल से बच्चे कभी दूर नहीं होंंगे। बच्चों ने भी स्कूल की स्मृतियों को अपने मन मे संजोए रखने की बात कही और सह भोज के उपरांत फूल होली के साथ विद्यालय से औपचारिक विदाई ली। इस गरिमामय कार्यक्रम का बेहद प्रभावी संचालन कैलाश नारायण भार्गव ने किया। इस मौके पर विद्यालय परिवार के प्रअ राजेश शर्मा, वरिष्ठ शिक्षक केएन भार्गव, भगवत शर्मा, कल्पना सिकरवार, संध्या शर्मा, ज्योति भार्गव, ज्योति श्रीवास्तव, हरीराम मिश्रा, महेश उपाध्याय, मुकेश चौकसे, प्रदीप शर्मा आदि के अलावा परिसर के प्रायमरी स्टाफ के सदस्य भी मौजूद रहे।