शिवपुरी। जिले के कोलारस में उपचुनाव होने के कारण आदर्श आचार संहिता लागू है। लेकिन यहा आचार संहिता की धज्जिया उडाई जा रही है। जानकारी आ रही है कि कोलारस विधानसभा मेंं मनरेगा में करोड रू से ऊपर का पेमेंट कर दिया। इसमें सबसे बडी बात यह है कि पेमेंट करने वाले अधिकारी पर चुनाव प्रभावित करने का आरोप लगा था और उसका ट्रासंफर भी कर दिया लेकिन जिला प्रशासन ने अभी तक इस अधिकारी को रिलीव नही किया है।
इससे पूर्व भी बदरवास के कुछ ग्रामो ने पीएचई ने पेयजल की लाईनो के टेंडर कॉल कर दिए थे। कांग्रेस का सीधा आरोप है कि चुनाव में वोटरो को ललचाने के लिए ऐसे कार्य किए जा रहे है जो सीधे आचार संहिता का उल्घन्न है।
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद के पत्र क्रमांक 345 दिनाक 19-01-2018 मे सभी जनपद पंचायतों को पात्रता के अनुसार मटेरियल की राशि भुगतान का उल्लेख था, जिसमे जनपद बदरवास को 40 लाख रुपए भुगतान की ही पात्रता था लेकिन बदरवास सीईओ महेन्द्र जैन ने अपने पद का दुरुपयोग कर 1 करोड 20 लाख की राशि का 40 ग्राम पंचायतों के खातों में दिनांक 20-01-2018 को जानबूझकर वित्तीय अनियमितता के रूप मे इस प्रकार का भुगतान कर सीधा सीधा आचार सहिंता का खुला उलंघन किया है।
अगर आचार संहिता लागू नही होती तो नियमानुसार 40 लाख का भुगतान करना था,लेकिन जनपद बदरवास सीईओ ने आचार संहिता में 1 करोड 20 लाख का भुगतान कर दिया। बताया जा रहा है कि इस भुगतान को करवाने के लिए ॅबडे स्तर से प्रेशर बनाया गया है। इन भुगतान पाने वाले सरपंचो और सचिवो का भाजपा से गठबंधन की खबरे आ रही है। शासन के नियमो को ताक पर रख पात्रता से अधिक भुगतान करने पर खनियाधाना सीईओ को एक पखवाडे पूर्व निलंबित कर दिया गया था।
लेकिन बदरवास में भुगतान एक तो आचार संहिता का धज्जिया और चुनाव को प्रभावित करने का आरोप और पात्रता से अधिक का भुगतान और साहब को अभी तक क्लीन चिट सत्ता के प्रेशर का उदाहरण है, इससे स्पष्ट होता है कि चुनाव आयोग भी भाजपा के पक्ष में कार्य कर रहा है।
चुनाव को प्रभावित करने की हो चुकी है शिकायत
आरटीआई कार्यकर्ता मुकेश यादव ने बताया कि सीईओ महेन्द्र जैन पर चुनाव को प्रभावित करने के आरोप लगे थेए इसके बाद 19 जनवरी को इनकी शिकायत की गई थी। चुनाव आयोग को की गई शिकायत में उल्लेख किया गया है कि यह चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए इनका स्थानांतरण किया जाए।
स्थानांतरण के बाद भी नहीं हुए रिलीव
आरटीआई कार्यकर्ता मुकेश यादव का कहना है कि चुनाव आयोग में की गई शिकायत के बाद इनका स्थानान्तरण कर दिया गया था, लेकिन यह अब तक बदरवास से रिलीव नहीं हुए हैं और न ही जिला प्रशासन द्वारा इन्हें रिलीव किया गया है, जबकि पात्रता से अधिक भुगतान करने के चलते खनियांधाना सीईओ को निलंबित कर दिया है जबकि महेन्द्र जैन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
यह बोले कलेक्टर
बदरवास जनपद सीईओ की शिकायत संबंधी दस्तावेज चुनाव आयोग को भेज दिए गए हैं। वहां से निर्देश प्राप्त होते ही कार्रवाई की जाएगी।
तरुण राठी कलेक्टर शिवपुरी
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