जिसने माँ और महात्मा को जान लिया वह परमात्मा को भी जान लेगा:डॉ. विश्वेश्वरी देवी

शिवपुरी। गांधी पार्क में चल रही संगीतमय श्रीराम कथा में साध्वी डॉ. विश्वेश्वरी देवी ने कहा कि माँ, महात्मा और परमात्मा ये तीनों ही एक ही हैं। घर में जो माँ है वह परमात्मा का ही दिव्य स्वरूप है और महात्मा भी परमात्मा का ही दिव्य रूप है। साध्वी जी ने कहा कि जीवन में जिसने माँ, महात्मा दोनों को आदर दिया उसकी निश्चित रूप से परमात्मा तक पहुंच हो ही जाएगी। माँ और महात्मा को जिसने जान लिया वह परमात्मा को भी जान लेगा। 

संसार में मनुष्य सबसे पहले माँ को जानता है, माँ परमात्मा का ही एक रूप है। साध्वी जी ने बताया कि भगवान स्वयं कहते हैं मैं किसी न किसी रूप में जीव के साथ रहता हूँ, लेकिन जब जीव को लगता है कि प्रत्यक्ष में मेरी आवश्यकता है या तो मैं माँ के रूप में या फिर महात्मा के रूप में आपके जीवन के कष्टों के दूर करने के लिए साक्षात् पधारता हूं। भक्ति और प्रेम का उदय बिना माँ और महात्मा के नहीं हो सकता। 

समर्पण को विस्तार से समझाते हुए साध्वी जी ने कहा कि जब हम गुरू के चरणों में, भगवान के चरणों में समर्पण करते हैं तो क्या हम पूरी तरह समर्पित हो जाते हैं? साध्वी जी ने कहा कि बड़े-बड़े महात्मा, योगी, तपस्वी भी पूरी तरह समर्पित नहीं हो पाते हैं, कुछ न कुछ शेष बच जाता है और पुर्नसमर्पित होता नहीं है। साध्वजी ने अर्जुन का उल्लेख करते हुए कहा कि गीता में उल्लेख है कि अर्जुन अधिकतर समय भगवान के साथ रहते हैं और भगवान ने अर्जुन को सखा बनाया था। 

लेकिन फिर भी क्या अर्जुन पूरी तरह समर्पित हो पाए थे?, नहीं। साध्वी जी ने कहा कि जब दुनिया से जाना हो और भगवान ऐसी जेब बना दे कि ले जा सकें, तो क्या कोई छोड़ता दुनिया में, कुछ नहीं छोड़ता है, लेकिन भगवान ने ऐसी व्यवस्था कर रखी है कि यहां आओगे तो खाली हाथ और जाओगे तो भी खाली हाथ। जब हमें पता है कि कुछ भी जाना नहीं है तब भी मनुष्य समर्पित नहीं करता।

श्रीराम राज्याभिषेक महोत्सव के साथ हुआ समापन
श्रीराम कृपा धाम हरिद्वार उत्तराखण्ड एवं शिवपुरी के भक्तों द्वारा गांधी पार्क में विगत 4 जनवरी से आयोजित की जा रही संगीतमय श्रीराम कथा का आज श्रीराम राज्याभिषेक महोत्सव के साथ समापन हुआ। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पांडे, एड. एसपी कमल मौर्य, मानव अधिकार आयोग जिला संयोजक आलोक एम. इंदौरिया सहित परिवार परामर्श की टीम ने धर्मलाभ लिया।