नपा परिषद बैठक: भाजपा ने पार्षदों के सहयोग से मुन्ना ने पास करा लिया 28 सूत्रीय एजेंडा

0
शिवपुरी। नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह इस बार परिषद की बैठक में अपने प्रबंधन से भाजपा पार्षदों को अपने सहयोग में लाने में सफल रहे। उनके शिकंजे में सिर्फ भाजपा और कांग्रेस का एक-एक पार्षद नहीं फंसे, लेकिन अन्य सभी पार्षदों ने जो वह चाहते थे उसमें उनका सहयोग किया। सिंध का पानी शहर में आने के बाद अब जबकि चार टंकियों को जोड़े जाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है तथा दो तीन माह में अन्य टंकियां भी जुड़ जाएंगी। 

ऐसी स्थिति में भी परिषद ने पांच करोड़ रूपए की जल सामग्री खरीद का प्रस्ताव पारित कर दिया। विरोध के स्वर उठाने वाले पार्षदों का कहना था कि सिंध का पानी आने के बाद जल सामग्री की खरीद नहीं की जानी चाहिए, लेकिन उनका समर्थन अन्य पार्षदों ने नहीं किया और यह प्रस्ताव पारित हो गया। बैठक में अग्रसने महाराज की मूर्ति की पुनस्र्थापना का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। वहीं सहायक यंत्री एससी मिश्रा को हटाने का प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। हर बार की तरह इस बार भी श्री मिश्रा बैठक में उपस्थित नहीं हुए। 

बैठक में बिंदु क्रमांक 1 से लेकर 12 तक सभी बिंदु सर्वसम्मति से पारित कर दिए गए, लेकिन जब जल सामग्री की खरीद का बिंदु विचारार्थ पेश हुआ तो पार्षद आकाश शर्मा और भानु दुबे ने कहा कि चूंकि सिंध का पानी शहर में आ गया है और पानी की टंकियों को जोडऩे का काम चल रहा है ऐसे में करोड़ों रूपयों की जल सामग्री खरीदने का औचित्य क्या है? वरिष्ठ पार्षद अभिषेक शर्मा बट्टे ने तर्क प्रस्तुत किया कि जितनी सामग्री की खरीद की आवश्यकता है वहीं निर्धारित कर खरीदी जाएं।

भाजपा पार्षद हरिओम नरवरिया, सुरेंद्र रजक, चंदू बंसल आदि पार्षदों ने कहा कि जल सामग्री न होने के कारण उनके वार्ड में पेयजल संकट व्याप्त है। नगरपालिका के स्टोर में न तो पाइप और न ही मोटर हैं। श्री रजक ने कहा कि इसके लिए उसे धरने पर भी बैठना पड़ा। कुछ पार्षदों ने सिंध का पानी आने पर आशंका भी व्यक्त की और कहा कि ऐसी स्थिति में में खरीद की स्वीकृति ेलेना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा शहर में जल संकट व्याप्त हो जाएगा। इस मुद्दे पर विवाद इतना गहराया कि बैठक में शोरगुल शुरू हो गया और नपाध्यक्ष कुशवाह ने सभी बिंदु पारित करने की घोषणा कर बैठक समाप्त कर दी। 

सहायक यंत्री मिश्रा को परिषद ने सर्वसम्मति से हटाया 
सिंध जलावर्धन योजना और शहर की जल समस्या का कार्य देख रहे सहायक यंत्री एसके मिश्रा को परिषद ने सर्वसम्मति से हटाने का प्रस्ताव पारित कर दिया और यह निर्णय लिया कि उन्हें मूल विभाग पीएचई में भेजा जाए। श्री मिश्रा के खिलाफ शिकायत यह थी कि परिषद की बैठक में कभी हाजिर नहीं होते हैं। पिछली परिषद की बैठक  में भी वह छुट्टी मंजूर न किए जाने के बावजूद नहीं आए थे और इस बार भी नहीं आए। वार्डों में पेयजल समस्या की ओर भी उनका ध्यान नहीं है। 

श्री मिश्रा के खिलाफ आक्रोश इतना तीव्र था कि नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा ने यहां तक कह दिया कि यदि उन्हें नहीं हटाया गया तो वह स्वयं इस्तीफा दे देंगे। पार्षद लालजीत आदिवासी ने भी उनके व्यवहार की शिकायत की। जिस पर सर्वसम्मति से उन्हें हटाने का निर्णय लेकर यह तय किया गया कि 39 वार्डों में पेयजल समस्या 4 उपयंत्री देखेंगे और उनके ऊपर सहायक यंत्री आरडी शर्मा रहेंगे। 

मुखर नपा उपाध्यक्ष इस बार बैठक में चुप चुप रहे
परिषद की हर बैठक में मुखर रहने वाले नपा उपाध्यक्ष अन्नी शर्मा इस बार बैठक में काफी शांत नजर आए। इक्का-दुक्का मौको पर ही वह बोले। बैठक के बाद उनकी चुप्पी से संबंधित सवाल पर श्री शर्मा ने कहा कि मेरा मन अब ऊचाट होता जा रहा है, क्योंकि अधिकांश पार्षदों का रवैया जनहित के साथ न्याय करने वाला नहीं है। सभी को अपने वार्ड की चिंता है और यह जायज भी है, लेकिन इसके साथ ही नपा प्रशासन के प्रति भी उनकी जिम्मेदारी बनती है ताकि जनता के  गाढ़े पसीने की कमाई के धन का दुरूपयोग न हो, परंतु इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।

सिर्फ 12 बिंदु ही बैठक में हुए पारित : पार्षद शर्मा
कांग्रेस पार्षद आकाश शर्मा का कहना है कि आज की परिषद की बैठक में महज 12 बिंदु ही पारित हुए और जब जल सामग्री की खरीद का बिंदु विचारार्थ आया  तो पार्षदों ने इस पर आपत्ति खड़ी कर दी। बैठक में जमकर हंगामा हुआ जिस कारण बैठक स्थगित करनी पड़ी। जबकि नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह का कहना है कि सभी 28 बिंदु पारित कर दिए गए।  
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!