GENIUS HEIGHT SCHOOL: शिक्षा विभाग के सरदार के प्रायवेट आदेश पर बिना मान्यता के संचालित होती क्लासेस

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सतेन्द्र उपाध्याय, शिवपुरी। शहर में कुकुरमुत्तों की तर्ज पर पनपे स्कूलों ने शिक्षा विभाग को मजाक बना कर रख दिया है। यहां सरेआम आरटीई एक्ट की धज्जीयांं उडाते हुए स्कूल संचालक छात्र औैर छात्राओं के जीबन से सरेआम खिलवाड़ कर रहे है। मामला इतना गंभीर होने के बावजूद शिक्षा विभाग के सरदार की प्रायवेट आदेश के चलते इन पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। 

ऐसा ही मामला आज शहर के हनुमान कॉलोनी में प्रकाश में आया है। पोहरी रोड़ पर स्थिति हनुमान कॉलोनी में जीनियस हाईट्स पब्लिक स्कूल संचालित है। इस स्कूल की मान्यता 8 वीं तक की है जबकि स्कूल में खुलेआम कक्षाएं 10 वीं तक संचालित हो रही हैं। स्कूल संचालक द्वारा स्वयं बताया कि वह कक्षा 9 वीं एवं 10 वीं के बच्चों के पेपर गीता ज्ञान मंदिर से कराते हैं। 

इस स्कूल के संचालक द्वारा आरटीई और कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उडाते हुए स्कूल का संचालन कर रहे हैै। विदित हो कि यह इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि इससे पूर्व भी इस तरह के कई मामले प्रकाश में आते रहे हैं, लेकिन प्रशासन एवं शिक्षा विभाग की सख्त कार्यवाही न होने के कारण इन स्कूल संचालकों के हौंसले बुलंद बने हुए हैं। इसी कारण यह अपने निजी स्वार्थ के छात्र-छात्राओं के भविष्य को  दांव पर लगाकर इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहे हैं।

छत पर कराई जा रही परीक्षाएं
जब शिवपुरी समाचार डॉट कॉम की टीम स्कूल परिसर में पहुंची तो स्कूल के छात्र-छात्रा बड़ी संख्या में स्कूल की छत पर बैठे हुए थे। जब इस संबंध में छात्रों से पूछा गया तो उनका कहना था कि उनके पेपर चल रहे हैं और स्कूल में जगह कम होने के कारण वह छत पर पढ़ते हैं। जिनमें कुछ छात्र कक्षा 10 वीं के भी थे। इससे प्रतीत होता है कि स्कूल में छात्रों के लिए पर्याप्त जगह नहीं है।

कलेक्टर के आदेश को ठेंगा दिखा सर्दी में साढे 7 बजे से लग रही थी कक्षाएं
यहां बताना होगा कि कलेक्टर द्वारा सर्दियों को देखते हुए कक्षा नर्सरी से 12 वीं तक के स्कूल का समय सुबह 9 बजे से निर्धारित किया था। जबकि जीनियस हाईट्स स्कूल सुबह 7.30 बजे से संचालित हो रहा है। इस बात का खुलासा छात्रों से की गई चर्चा के दौरान हुआ। स्कूल की कक्षा 10 वीं छात्रा प्रिंसिका धाकड़ से पूछने पर बताया कि उनका स्कूल 7.30 बजे से 12.30 बजे तक लगता है। उनके पेपर चल रहे हैं और वह आज 8 बजे स्कूल आई है।

शिक्षा विभाग के सरदार की मौन स्वीकृति
ऐसा नही है कि उक्त स्कूल किसी गांव या देहात में संचालित हो। जहां लाखों रूपए निरीक्षण के नाम पर फूंक रहे शिक्षा विभाग को इसकी भनक नहीं है। अपितु जब उक्त मामला मीडिया में प्रकाश में आया तो जिम्मेदार अधिकारी ही इस मामले को रफा दफा करने की बात कहते नजर आए। अब जिनकी इस मामले में कार्यवाही करने की जिम्मेदारी हो वही अगर इस मामले को दबाना चाहे तो फिर कार्यवाही की किससे उम्मीद की जा सकती है। हांलाकि अब देखने बाली बात यह है कि शिक्षा विभाग के सरदार इस मामले में कोई कार्यवाही करते है या फिर इस मामले को ले देकर रफा दफा किया जाता है। 

इनका कहना है
-स्कूल की मान्यता 8 वीं तक की है जबकि 9 वीं एवं 10 वीं की मान्यता गीता ज्ञान मंदिर स्कूल से ली है। हमारे कक्षा 10 वीं के बच्चों का पिछले साल अच्छा परफोरमेंस रहा और इस वर्ष भी रहेगा। कक्षा 9 में 38 बच्चे और कक्षा 10 में 28 बच्चे अध्ययनरत हैं। बच्चों को छत बिठाने के संबंध में पूछने पर कहा कि आज अच्छी धूप निकली है इसलिए बच्चों को धूप में बिठाया गया।
सीताराम धाकड़, शिक्षक

-जिले में इस प्रकार के अनेक मामले सामने आ रहे हैं जो आरटीई एक्ट का उल्लंघन है और गंभीर अपराध भी। आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है इसकी भी जांच कराकर ली जाएगी। इस तरह के सभी स्कूलों पर पुलिस प्रकरण दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।
शिरोमणी दुबे, डीपीसी शिवपुरी

-पूर्व में भी ऐसे प्रकरण सामने आए हैं जिनकी जिला शिक्षा अधिकारी और  जिला समन्वय द्वारा जांच की गई। इस मामले की भी जांच करा देंगे और विधि अनुसार जो भी कार्यवाही होगी वह की जाएगी। पूर्व के मामलों में कार्यवाही के संबंध में कहा कि बीच सत्र में स्कूल की मान्यता समाप्त करने पर बच्चों को दूसरे स्कूल में शिफ्ट करने की समस्या आती है। 
तरुण राठी, कलेक्टर शिवपुरी
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