जनसुनवाई: कियोस्क संचालक ने महिला की कुुटीर की किस्त फर्जी तरीके से निकाल कर हड़प ली

खनियाधाना। जिले के खनियाधाना के ग्राम बधाई की रहने वाली एक महिला सिया पत्नि धन्नू की स्वीकृत कुटीर की किस्त कियोस्क संचालक भूपेंद्र परिहार और उसके एक साथी बहादुर परिहार ने उसका अंगूठा लगाकर फर्जी तरीके से निकाल ली। जिससे वह काफी परेशान है और सुनवाई न होने के बाद आज वह अपनी शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जनसुनवाई में पहुंची। जहां उसने एक शिकायती आवेदन जनसुनवाई कर रहे अपर कलेक्टर अनुज कुमार रोहतगी को सौंपा और उनसे न्याय की मांग कर हड़पी गई कुटीर की किस्त वापिस दिलाने की मांग की है।  

पीडि़ता द्वारा दिये गये आवेदन में बताया गया है कि उसे शासन से कुटीर स्वीकृत हुई थी जिसकी दो किस्तें उसे प्राप्त हो चुकी हैं, लेकिन तीसरी किस्त निकालने के लिए जब वह पहुंची तो उसे ज्ञात हुआ कि उसकी वह किस्त तो निकल चुकी है। पीडि़ता ने बताया कि  कुछ समय पूर्व मायापुर में मध्यांचल बैंक का कियोस्क सेंटर चलाने वाले भूपेंद्र परिहार ने उसे वहां बुलाया था और उसके अंगूठे का निशान भी लिया था  इसके बाद उसके खाते से राशि निकल गई। 

पीडि़ता ने आवेदन में बताया है कि उक्त राशि भूपेंद्र और बहादुर परिहार ने उसके साथ धोखाधड़ी कर निकाल ली है जिसे उनसे वापिस दिलाया जाए। पीडि़ता की शिकायत सुनने के बाद अपर कलेक्टर श्री रोहतगी ने मामले की जांच के लिए बैंककर्मियो को आवेदन स्थानांतरित कर दिया है। 

वहीं पूरे मामले में कियोस्क सेंटर संचालक भूपेंद्र परिहार का  कहना है कि उक्त महिला उसके सेंटर पर कुछ दिनों पूर्व बहादुर परिहार को लेकर आई थी और उसका कहना था कि यह ठेकेदार  है जिसे रूपए देने हैं वह उसके खाते से रूपए निकालकर ठेकेदार के खाते में  डाल दे और महिला के कहने पर उसने 20 हजार रूपए बहादुर परिहार के खाते में ट्रांसफर कर  दिए थे, लेकिन पता  नहीं कि उक्त महिला इस तरह के आरोप क्यों लगा रही है। 

बैंक ने ऋणी बताते हुए रोक दी विकलांग पेंशन 
जनसुनवाई में पहुंचे शालिग्राम पुत्र बिहारी केवट निवासी ग्राम डगरिया पिछोर ने अपर कलेक्टर को शिकायत आवेदन देते हुए बताया कि सन 2002 से उसे विकलांग पेंशन मिलती थी, लेकिन पिछले लंबे समय से बैंक ने उसकी पेंशन यह कहते हुए रोक दी कि उसने बैंक से लोन लिया है जबकि उसने किसी भी तरह का लोन बैंक से नहीं लिया है इसके बावजूद भी बैंक उसे ऋणी बता रहा  है। 

उसने मांग की है कि उसकी रोकी गई विकलांग पेंशन शुरू कराई जाए और उसके खाते पर लगी रोक भी हटाई  जाए। पीडि़त की शिकायत पर अपर कलेक्टर ने श्री रोहतगी ने मामले  में एलडीएम को कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया है। 

डूब क्षेत्र में जमीनें आने पर नहीं मिला मुआवजा
बैराढ़ तहसील के ग्राम नैनागढ़ के एक दर्जन किसानों की जमीनें पचीपुरा तालाब  के डूब क्षेत्र में आ जाने पर उन्हें  किसी तरह के मुआवजा न मिलने की शिकायत लेकर किसान जनसुनवाई में पहुेंंचे। जहां उन्होंने शिकायत करते हुए कहा कि पचीपुरा तालाब में पानी अधिक होने से उनकी जमीनें डूब चुकी हैं जिनका  मुआवजा पिछले दो वर्षों से लटका पड़ा है। 

इसको लेकर वह कई बार भू अर्जन कार्यालय शिवपुरी में आवेदन दे चुके हैं और लगभग दो तीन माह पहले भी उन्होंने डूब जमीन के शपथ पत्र प्रस्तुत किए, लेकिन उन्हें आज तक मुआवजा नहीं मिला। शिकायत करने वालों में नक्टूराम, कल्लेराम, शिवदयाल, हाकिम, करनू सहित अनेकों किसान मौजूद थे। किसानों की शिकायत को श्री रोहतगी ने भू अर्जन कार्यालय के लिए पहुंचा दिया और किसानों को आश्वसन दिया है कि जल्द ही जांच कराकर उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।