करैरा। करैरा की कृषिउपज मंडी में खरीफ अनाज की बिक्री जोरों पर है कई सैकड़ा किसान प्रतिदिन अपनी उपज बेचने मंडी में आते हैं लेकिन उपज लेकर आने वाले किसानों के लिए मंडी प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की व्यवस्थाओं का न करना मंडी प्रशासन पर प्रश्नचिन्ह लगता है। ज्ञात हो कि जिले के करैरा अनुभाग में खरीफ फसल के तहत मूंगफली का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है इसके अतिरिक्त अन्य फसलें भी पैदा होती हैं जिन्हें बेचने के लिए किसान मंडी में बड़ी उम्मीदों के साथ आता है लेकिन यहां पर उसको न तो पीने को पानी मिलता और न ही किसी भी प्रकार की भोजन की व्यवस्था। पानी व भोजन किसानों को मंडी के बाहर की दुकानों व होटलों से खरीदकर खाना पड़ता है।
किसानों की शिकायत पर गौर नहीं करता प्रशासन
किसानों का कहना है कि मंडी में तमाम समस्याएं व्याप्त हैं लेकिन मंडी के अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे और किसान को व्यापारी से लेकर मंडी कर्मचारियों के शोषण का शिकार होना पड़ रहा है।
बाजार में फसल बेचने को मजबूर किसान
कृषिउपज मंडी अव्यवस्थाओ के चलते कभी फसल का सही भाव नहीं मिलता तो कभी समय पर मंडी में खरीदी नहीं होती जिससे किसान को फसल के उचित दाम नहीं मिलपाते जिसका लाभ बाजार में बैठे व्यापारी किसान की फसल को कम कीमत पर खरीदकर उठाते हैं।
क्या कहते हैं किसान
ढंगा कालीपहाड़ी निवासी दिनेश प्रजापति का कहना है। कि व्यापारी मंडी में समय पर नहीं आते और न ही समय पर तौल होती है। हमारी उपज भी ओने पौने दाम खरीदी जाती है यहाँ पर भोजन व पानी की भी व्यवस्था भी नहीं है। कल्लू परिहार का कहना है। कि किसान की कोई भी सुनने वाला नहीं है। मंडी के सभी कर्मचारी व अधिकारी मिलकर किसान को लूटने में लगे हैं।
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