भांवातर के बाद भी ठगी का शिकार हो रहे किसान, सचिव ने साधी चुप्पी

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कोलारस। जिले के कोलारस कृषि उपज मंडी व्यापारिक दृष्टि से पूरे जिले में नम्बर वन मानी जाती थी, लेकिन इन दिनों बाबूराज हावी होने के कारण कोलारस कृषि उपज मंडी व्यापारिक ग्राफ कम होता जा रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि कोलारस कृषि उपज मंडी में बाबूओं अधिकतम बोला बना हुआ है इस कारण यहां व्यापारी माल खरीदने में कतराने लगे हैं। अभी पूराने मामलों पर यदि गौर किया जाए तो कोलारस कृषि उपज मंडी में कबाडा घोटाला अभीतक शांत नहीं हुआ इसके बाद मंडी में बनी हुई दुकानों को अपने परिचित व्यापारीयों को मोटी रकम लेकर दे दी गई थी। 

जिसकी चर्चा पूरे कोलारस नगर में आग की तरह फैल गई थी। मंडी प्रशासन हरकत में आया और उनको दुकाने खाली कराने के लिए नोटिश दे दिए गए। मंडी सचिव के ध्यान न देने के चलते नाकेदारों सहित बाबूओं की मनमर्जी से मंडी का संचालन किया जा रहा है और कोलारस मंडी के बाहर सामान्तर मंडी चलाई जा रही है कोलारस की कृषि उपज मंडी में सबसे अधिक टैक्स चोरी इन दिनों की जा रही है अब देखना यह है कि इस बात की जानकारी स्थानीय प्रशान को होने के बाद भी इन कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।  किसानों की फसल को व्यापारी लोग अपनी दुाकानों पर ही कम दाम देकर खरीद रहे है यहॉ पर ए.बी. रोड़ एप्रोच रोड़, जेल रोड़, राई रोड़ ए.बी. रोड़ मानीपुरा पर स्थित व्यापारीयों के गोदामों सहित दुकानों पर फसल खरीदी जा रही है। 

सरकार की भावांतर योजना ने भी तोड़ा दम 
म.प्र. की भाजपा सरकार किसानों के लिए नित नई योजनायें संचालित किए हुए है। इसी कड़ी में देश में एक ऐसा प्रदेश है जिसने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए और सूखे की मार निपटने के लिए भावांतर योजना लागू की गई जिससे किसान को सीधा आर्थिक लाभ मिल सके, लेकिन कोलारस मंडी में इन दिनों किसानों को आर्थिक लाभ की जगह आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। क्योंकि यहां किसानों को न तो समय मंडी उपज बेचने का नगद भुगतान किया जा रहा है न ही उनको उनकी उपज का सही मूल्य मिल पा रहा है। 

कोलारस मंडी में नहीं हो रहा किसानों की मिट्टी का परीक्षण 
कोलारस मंडी में इन दिनों किसान जगदीश सिंह का आरोप है कि मेंं मंडी में फसल बेचने के साथ-साथ अपनी मिट्टी का परीक्षण कराने के लिए मंडी में स्थित मिट्टी परीक्षण केन्द्र पर पहुंचा जहां पर कोई भी कर्मचारी तैनात न होने के कारण मिट्टी का परीक्षण नहीं हो सका और मुझे उल्टे पैर वापस लौटना पड़ा। इस बात की शिकायत मैने स्थानीय मंडी प्रांगण में बैठे कर्मचारियों से की लेकिन मेरी कोई सुनवाई नहीं हो सकी। एक तरफ तो सरकार खेती को लाभ का धंधा बनाना चाहती है लेकिन उनके अधिनस्थ कर्मचारी इस योजना पानी फेरने में लगे हुए हैं। 

दूषित पानी एवं भोजन करना पड़ रहा है किसानों
कोलारस मंडी में इन दिनों किसानों को पीने का पानी भी शुद्ध नहीं मिल पा रहा है। जहां पानी की टंकी के माध्यम पानी किसान पीते हैं उस टंकी की भी महिनों से सफाई नहीं कराई गई है। एक किसान अनिल कुशवाह ने बताया कि मैने जब कृषि उपज मंडी की टंकी से पानी पी रहा था तब उस टंकी की टोंटी से केचुआ पानी के साथ ही निकल आया इस केचुए को देख मैने उल्टी तक कर दी। वहीं कैन्टीन में खाने में कई प्रकार की गुणवत्ता विहीन भोजन दिया जा रहा है। जबकि सरकार किसानों को पौष्टिक भोजन देने की बात कर रही है और किसानों के हित में शासन द्वारा ही केन्टी खोली गई है। 

मंडी के नाकेदार वसूली में मस्त 
कोलारस मंडी में इन दिनों मंडी के नाकेदार कोलारस कस्बे के बाहर बिक रही फसल पर रोक लगाने की जगह बिचबाने में सहयोग कर रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण कोलारस मंडी के बाहर ही देखा जा सकता है। यहॉ उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि ए.बी. रोड़ एप्रोच रोड़, जेल रोड़, राई रोड़ ए.बी. रोड़ मानीपुरा पर स्थित व्यापारीयों के गोदामों सहित दुकानों पर फसल खरीदी जा रही है। जबकि नियमानुसार यह फसल मंडी प्रांगण में ही बेची जानी चाहिए और  अवैध रूप से जो व्यक्ति बाहर गोदामों में फसल खरीद रहे हैं उनके खिलाफ नाकेदारों द्वारा वैधानिक कार्यवाही करना चाहिए। लेकिन इन पर कार्यवाही के नाम पर उनसे मोटी रकम बसूल रहे हैं। 
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