
जिस पर रूस्तम सिंह ने भडक़ते हुए कहा कि सांसद सिंधिया के पास और कुछ है आरोप के अलावा ? मेरा आग्रह है कि सिंधिया से पूछिए की 2003 में इनकी सरकार थी। तब शिवपुरी में ट्रॉमा सेंटर था क्या, डायलिसिस थी क्या।
रूस्तम सिंह ने स्वीकार किया कि जिले में डाक्टरों की कमी है। में डॉक्टरों की व्यवस्था करता हूं तो दूसरी जगह डॉक्टर कम हो जाते है। अब डॉक्टर तत्काल तो तैयार नहीं होते इन्हें तैयार होने में समय लगता है। पहले कॉग्रेस की सरकार में किसी ने सोचा था कि शिवपुरी में मेडीकल कॉलेज आएगा। जिस पर कहा कि कांग्रेस इस मेडीकल कॉलेज पर भी श्रेय लेना चाहती है। तो वह काग्रेस के शासन में क्यों नहीं आया। इसका जबाब तो काग्रेस को हर बार जनता दे देती है और नकार देती है।
हम सब चीजों को बेहतर तरीके से सुधारना चाहते है। अब डॉक्टर नहीं आना चाहते तो हम क्या कर सकते है। डॉक्टर आएगें अगर नहीं आए तो आप ही बताए हम क्या कर सकते है। कोई भी डॉक्टर अपनी इच्छा से पोस्टिंग चाहते है कोई आना ही नहीं चाहते। कुल मिलाकर रूस्तम सिंह ने अपने आप को शिवपुरी की फैलुअर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दौषी ठहराने की बजाए सिंधिया पर ही आरोप लगा रहे है। अब इन्हें कौन समझाए की आरोप प्रत्यारोप से पब्लिक को मतलब नहीं है श्रीमान उन्हें तो बस शिवपुरी में सही स्वास्थ्य सुविधा मिल जाए यही काफी है।
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