एबीव्हीपी प्रत्याशी अंकिता सिंह को कमजोर करने छात्रों को केलबाड़ा से शिवपुरी ले आए

0
शिवपुरी। 28 अगस्त को होने जा रहे राजस्थान में छात्र के चुनाव को लेकर गति विधियां तेज हो गई है। इसी कड़ी में राजस्थान के केलबाड़ा महाविद्यालय के सैकड़ों छात्रों को दबंग छात्रों द्वारा धनबल एवं बाहुबल के दम पर मध्य प्रदेश के शिवपुरी में लाकर जबरन रखा गया है। ऐसा बताया गया है कि महाविद्यालयीन चुनावों को दृष्टिगत रखते हुए इन छात्रों को केलबाड़ा से लाकर शिवपुरी में रखा गया है। ताकि मतदान के दौरान इन छात्रों को मतदान से वंचित रखा जा सके। जिससे सामने बाले प्रत्याशी को कम मत प्राप्त हो सकें तथा आसानी से चुनाव में जीत हांसिल की जा सके। 

जानकारी के अनुसार लवकुश वाटिका में एक सैकड़ा से अधिक महाविद्यालयीन छात्र केलबाड़ा से शिवपुरी में किस प्रयोजन के लिए लाए गए हैं बताया गया है कि आज 28 अगस्त को छात्र संघ के चुनाव संपन्न होने वाले हैं। राजकीय महाविद्यालय केलबाड़ा जिला बांरा में छात्र संघ के चुनाव में एबीपी प्रत्याशी अंकिता सिंह एवं एनएसयूआई के प्रत्याशी सुनील सहरिया है। उक्त चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए केलबाड़ा से एक सैकड़ा से अधिक छात्रों को लाकर शिवपुरी लवकुश वाटिका में ठहराया गया है। जिसमें अधिकांश छात्र आदिवासी तबके के हैं। 

उक्त छात्र शायद विद्यार्थी परिषद की प्रत्याशी अंकिता सिंह के पक्ष में मतदान कर सकते थे। इसी शंका को दृष्टिगत रखते हुए लगभग एक सैकड़ा से अधिक छात्रों को केलबाड़ा से लाकर शिवपुरी ठहराया गया है। जिससे उन्हें मतदान से वंचित रखा जा सके। उक्त तथ्य की जानकारी जैसे ही शिवपुरी के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को लगी वैसे ही नगर मंत्री संकल्प जैन, सह संयोजक विवेक और राजीव, अमित दुबे तत्काल लवकुश वाटिका पहुंचे तथा उक्त तथ्य की जानकारी पुलिस को दी। 

पुलिस के हस्तक्षेप किए जाने पर शीघ्र ही एक बस क्रमांक एमपी 33 पी 0224 रघुवंशी ट्रेवल्स की बस को बुलाकर उक्त छात्रों की रवानगी डाल दी गई। इस तथ्य से शायद की कोई व्यक्ति नाबाकिफ होगा कि आज की राजनीति कितना घिनौना रूप धारण कर चुकी हैं। महाविद्यालय के चुनाव से निकलने वाले छात्र ही भावी नेताओं का रूप धारण करते हैं। महज एक महाविद्यालयीन चुनाव में इस तरह की कार्यवाही की जा सकती हैं। तब सांसद, विधायक, नगर पालिका अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष जैसे चुनावों में कैसे-कैसे गुल खिलाए जाते होंगे। इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। 
Tags

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!