फरियादी सकुर बिरमानी ने बताया कि आशा बिरमानी उनकी जेठानी है। आज सुबह आशा और उसके पुत्र जतिन उर्फ शिब्बू और नन्हें उर्फ दीपक ने उसके घर के आगे से ईंटें उठा ली जिस पर उसने भतीजों को रोका तो वह लडऩे के लिए आ गए और दोनों ने मिलकर उसकी मारपीट कर दी।
जब वह पुलिस में रिपोर्ट कराने के लिए घर से निकली तो उसकी जेठानी ने दोनों पुत्रों को उसे पकडऩे के लिए भिजवाया जहां दीपक और जतिन उसे पकडक़र घर में अंदर ले गए और उसे चाकूओं से काट दिया। जिससे उसके हाथों में चोटें आईं। पीडि़ता ने बताया कि जैसे तैसे वह आरोपियों के चंगुल से छूटकर बाहर आई और अपनी पुत्री के साथ वह कोतवाली पहुंची जहां पुलिस ने उसकी शिकायत सुनकर उसे अस्पताल भिजवा दिया।