शासन के नियमो को खूटी पर टांग कर संचालित हो रहे है निजी नर्सिगं होम

ईमरान अली, कोलारस। कुछ प्राइवेट डॉक्टरों की बदली सोच ने धरती के भगवान का दर्जा प्राप्त डाक्टरों की छवि खराब कर रखी है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र में झोलाछापो का खुला खौफ तो था ही जिस पर प्रशासन के लाख जतन करने के बाद भी अंकुश नही लग पा रहा। और झोलाछाप प्रशासन की नाक के नीचे ही अपना कारोबार जमाने में लगे है। और खुलेआम लोगो का मौत बांट रहे है। जिससे क्षेत्र में कई हादसे सामने आए है। जिन्हें हर बार किसी न किसी तरह से दवा दिया जाता है। जिससे झोलाछापो के हौसले और भी बुलंद होते जा रहे है।

इसी तर्ज पर अब शासकीय मान्यता प्राप्त अशासकीय नर्सिंग होम भी कोलारस में प्रशासन के नीयमो की धज्जियां उड़ाने में लगे है। जो शासन की गाईड लाईन के विपरीत नर्सिंग होम संचालित कर रहे है। ऐसा ही मामला कोलारस में संचालित हो रहे संजीवनी केयर एमरजेंशी पैथौलोजी नाम से संचालित अस्पताल में सामने आया है। जहां लगातार अनियमित्ताओं की शिकायते मिल रही है। 

बताया जा रहा है इस अस्पताल के संचालक खुद के द्वारा लागू किये गए नीयमो के हिसाब से अस्पताल संचालित कर रहे है। इस अस्पताल में शासन द्वारा जारी किये गए ज्यादातर नीयम लागू नही होते। जिससे हादसे ओर अन्य ऐंमरजेंसी हालत में मरीज रात में भटकते रहते है। बताया जा रहा है की यह अस्पताल देर शाम ही मरीजो के लिए बंद कर दिया जाता है। 

जिससे रात में कोई मरीज चाहे जितना भी गंभीर हो डॉक्टर साहब रात में किसी की नही सुनते चाहे वह मरीज कितना भी गंभीर क्यूं न हो जिससे रात में आए हुए मरीजो को मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। इस अस्पताल में न तो डिग्री धारी स्टाफ है और न ही नीयमित स्टाफ डयूटी है।

जबकी सडक़ दुर्घटनाओ में हो रही लगातार बड़ोतरी को लेकर केन्द्र सरकार कि स्पष्ठ गाईड लाईन से लेकर सुप्रीम कोर्ट के तमाम जजमेंट तक में खुले तौर पर कहा गया है कि अस्पताल सरकारी हो या प्राईवेट किसी भी कोई भी डॉक्टर किसी भी समय मरीज को इलाज के लिए मना नही कर सकता। तमाम औपचारिकता से पहले ईलाज शुरू करना होगा। यदि ऐसा नही किया गया तो संबंधित डॉक्टर पर कार्यवाही के साथ ही अस्पताल का लाईसेंस रदद कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। 

क्या है शासन के आदेश
मध्यप्रदेश राजपत्र प्राधिकार से प्रकाशित क्रमांक 31, दिनांक 1 अगस्त 1997 भाग 4 द्वारा नियम नंबर 17 के अनुसार उपचर्यागृह की अपेक्षाएं, स्थिति तथा आसपास का वातावरण उपचर्यागृह किसी खुली मल नाली, या सार्वजनिक शौचालय से अथवा धुंआ या दुर्गन्ध छोडऩे वाले किसी कारखाने से लगा हुआ नहीं होगा।

भवन
उपचर्यागृह के लिए उपयोग में लाए गए भवन के संबंध में समय-समय पर कृत सुसंगत नगरपालिका उपविधियों का पालन किया जाएगा। उपचर्यागृह के कक्ष अच्छे हवादार तथा प्रकाशयुक्त होंगे और स्वच्छ तथा स्वास्थ्यकर दशा में रखे जाएगें। सेप्टिक तथा संक्रामक रोगियों के माामलों को अलग करने की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।

रोगियों आदि के लिए स्थान व्यवस्था
उपचर्यागृह के कक्ष में एक बिस्तर के लिए फर्श स्थान 100 वर्गफुट और प्रत्येक अतिरिक्त बिस्तर के लिए अतिरिक्त 75 वर्गफुट होगा। डयुटी पर उपस्थित परिचर्या कर्मचारी के लिए एक डयुटी कक्ष की व्यवस्था की जाएगी। औषधियों, खाद्य सामग्रियों उपस्करों आदि के भण्डारण के लिए पर्याप्त स्थान की व्यवस्था की जाएगी।

कर्मचारी के स्वास्थ्य वस्त्र और स्वच्छता की अपेक्षाएं
नियोजित कर्मचारीवृन्द सांसर्गिक रोंगो से मुक्त होंगे और उनके कर्तव्यों की प्रकृति के अनुरूप उनकी स्वच्छ पोशाक की व्यवस्था की जाएगी। नियोजन के समय कर्मकारों का चिकित्सीय परीक्षण किया जाएगा और तत्पश्चात इसी प्रकार नियतकालिक परीक्षण किया जाएगा। उपस्कर तथा लिनन आदि उपचर्यागृह में निम्नलिखित की व्यवस्था की जाएगी और उनका अनुरक्षण किया जाएगा।

फ्लश व्यवस्था सहित पर्याप्त संख्या में कमोड, बेडपान तथा स्लोप सिक्स उच्च दाब जीवाणुनाशक यंत्र (स्टरलाइजर) और उपस्कर जीवाणुनाशक यंत्र आक्सीजन देने के लिये आक्सीजन सिलेण्डर तथा आवश्यक संलग्नक रक्त संधारत्रा (ट्रांसफ्यूजन) साधित्र पर्याप्त उपस्करए उपकरण तथा साधि पर्याप्त संख्या में चादरें, गददे, तकिये, कंबल, ड्रा शीट्स विषाक्त पदार्थ रखने के लिये चाबी वाली अलमारी।

उपचर्यागृह कर्मचारीवृन्द तथा प्रसाविकाऐं
20 बिस्तरों के लिये चार उपचारिकाओं के मान से उपचारिकाएं होगी साथ ही 10 बिस्तरों के उपचर्यागृह, में कम से कम तीन उपचारिकाऐं होंगी। 
अभिलेख -उपचर्यागृह द्वारा, उपस्कर, उपकरणों और लिनन के लिये पृथक-पृथक स्टाक रजिस्टर रखे जाऐंगे।

रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायियों की सेवाऐं
प्रत्येक 15 रोगी बिस्तरों या उसके किसी भाग के लिए एक चिकित्सा व्यवसायी साथ ही 45 से कम बिस्तर वाले उपचर्यागृह में कम से कम तीन चिकित्सा व्यवसायी होंगे। प्रतिदिन प्रत्येक 40 नए बाहय रोगियों या उसके किसी भाग के लिए एक चिकित्सा व्यवसायी। प्रतिदिन प्रत्येक 50 पुराने रोगियों या उसके किसी भाग के लिए एक चिकित्सा व्यवसायी। 

एक रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायी की सेवाऐं, आंतरिक रोगियों के आपात बुलावे (इमरजेंसी काल) पर हाजिर होने के लिए हर समय कर्तव्य पर उपलब्ध रहेंगी। एक्स-रे सुविधा की व्यवस्था की गई है तो एक अर्हित चिकित्सा व्यवसायी और एक्स-रे तकनीशियन की सेवाऐं। रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र तथा अनुज्ञप्ति को उपचर्यागृह में प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित किया जाएगा। 

उपचर्यागृह चलाने वाला उपचर्यागृह द्वारा दी जा रही विभिन्न चिकित्सीय सेवाओं की दर सूची (रेट लिस्ट) प्रमुख रूप से प्रदर्शित करेगा। पर्यवेक्षी प्राधिकारी को भी दर सूची तथा इसमें किए गए संशोधन, यदि कोई हो तो की जानकारी दी जाएगी।

मरीज को दवा लिखने के लिए अपना लेटरपैड इस्तेमाल करना चाहिये। लेटरपेड न होने पर डॉक्टर की सील होना चाहिए। ईलाज का पात्र रखने वाले डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन नंबर लेटर पैड पर अंकित होना अनिवार्य है।