विद्युत विभाग की मनमानी के खिलाफ पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष बैठा आमरण अनशन पर

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करैरा। बिजली विभाग की कथित मनमानी के खिलाफ बयोवृद्ध पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष सीताराम गेंडा आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। उनका आरोप है कि उनके द्वारा ग्राम टीला में अपने फार्म हाउस के लिए डीपी से अस्थाई कनेक्शन लिया था। लेकिन इसके बावजूद भी विद्युत विभाग ने डीपी हटाकर उनका कनेक्शन विच्छेद कर दिया। जिससे न केवल उनकी फसल को नुकसान हुआ बल्कि पानी की उपलब्धता न होने के कारण कई पशु भी कालकबलित हो गए। उनका आरोप है कि विद्युत विभाग की मनमानी के खिलाफ वह विभाग के अधिकारियों के अलावा कलेक्टर को भी जनसुनवाई में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्यवाही न होने से वह आमरण अनशन करने के लिए विवश हुए हैं।
 
81 वर्षीय पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष सीताराम गेंड़ा ने बताया कि उनका कृषि फर्म ग्राम टीला में है यहां पर विद्युत सप्लाई हेतु डीपी लगाई गई थी जिसपर से इनके द्वारा भी एक मोटर का अस्थाई कनेक्शन लिया गया था उनके साथ ही अन्य 8 व्यक्तियों ने भी अस्थाई कनेक्शन ले रखे थे। 2 माह पूर्व विद्युत विभाग के अधिकारी वहां पहुंचे और डीपी हटाने लगे जब इन्होंने रोका तो उन्होंने कहा कि स्थाई कनेक्शन वालों का 5 लाख रूपये का बिल बकाया है इसलिए हम डीपी हटा रहे हैं। जबकि अन्य लोगों के पूर्व से ही जमा अस्थाई कनेक्शन के भुगतान थे। 

उसके बाद भी विद्युत  मंडल कर्मचारियों ने अपनी मनमानी करते हुए डीपी उठा ली। जिसके चलते पानी की उपलब्धता ऐसी भीषण गर्मी में ना होने की वजह से आठ मवेशियों की जिसमें गाय और भैंस शामिल हैं कि प्यास से मौत हो गई। लखनलाल, चोखेलाल, जसरथ, बैजनाथ परिहार, कुंवरलाल, भागीरथ, राधा.कृष्ण जाटव सभी निवासी टीला सहित सीताराम गेड़ा ने बताया कि हमारे द्वारा जनसुनवाई में एसडीएम करेरा को भी आवेदन दिया गया था कार्रवाई हेतु और कउ करेरा ने तत्काल उक्त आवेदन को विद्युत मंडल करेरा के एई सुबोध टुम्भनिकर को भेज दिया था ।

2 माह बीत जाने के बाद भी उक्त आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे परेशान होकर शिवपुरी जनसुनवाई में पहुंच कलेक्टर को आवेदन दिया गया उस पर भी एक माह में कोई कार्यवाही नहीं की गई बल्कि एक पुराने प्रकरण में श्री गेड़ा उपभोक्ता फोरम से केस जीत चुके थे उसमें भी परेशान करने की नियत से 128000 रुपए का बिल विद्युत मण्डल द्वारा उन्हें भेजकर दबाव बनाया जा रहा था। दबाव बनाने से तंग आकर और सुनवाई कहीं नहीं होती देखकर सीताराम गेड़ा ने अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठने का निर्णय लिया और वह आज अनशन पर विद्युत मंडल की उदासीन रवैया के चलते बैठ गए।

अस्थाई कनेक्शन होने के बाद भी उठाई मोटर 
विद्युत विभाग के द्वारा लगता है कि सीताराम गेड़ा से कोई जाती दुश्मनी है जिसके चलते उनके द्वारा लगातार उनको परेशान किया जा रहा है इसी क्रम में उनके पुत्र मिथिलेश गेड़ा द्वारा रसीद क्रमांक 20257 दिनांक 8.11.2016 कटाई गयी व 7298 रुपए जमा किए गए थे। उसके बाद भी उनकी मोटर विद्युत मंडल उठा लाया। जो कि स्वयं में ही विद्युत मंडल द्वारा की जा रही बर्बरता को प्रदर्शित करती है।

पहले दिया नो ड्यूज ओर फिर बकाया का नोटिस किया जारी  
उक्त मामले में विद्युत विभाग की मनमानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां एक तरफ सीता राम गेड़ा व उनके पुत्र के नाम से महकमा नो ड्यूज जारी कर रहा है जिसमें स्पष्ट रुप से लिख रहा है कि उनके ऊपर कोई बकाया नहीं है। उसके बाद भी 128000 रुपए बकाया का रिकवरी का बिल भी उन्हें थमाया जा रहा है। जो कि स्वयं में विद्युत विभाग की बदनीयती को इंगित करता है ।

यह हैं मांगे. 
1. जो डीपी उठाई गई है वह वापस लगाई जावे।
2. अस्थाई कनेक्शन के कितने दिन डीपी उठाने के बाद में शेष थे इतने दिन दीए जावे।
3.  उनकी जो मोटर विद्युत मंडल कर्मचारी बिल जमा होने के बाद भी उठा लाए थे वह वापस की जाए।
4. उपभोक्ता फोरम से जो प्रकरण वह जीते चुके है लेकिन मंडल द्वारा माननीय न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए उसका पालन नहीं किया गया है उल्टा दबाव बनाने 128000 का बिल थमा दिया है वह वापस लिया जावे।
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