
बाल संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा 77 एवं 78 में बच्चों को नशीली वस्तुओं का विक्रय या इसमें उपयोग किये जाने पर सजा का प्रावधान किया गया है, जिसके अनुसार 07 वर्ष तक का कारावास व एक लाख रूपये तक का जुर्माना अथवा दोनों का एक साथ दण्ड का प्रावधान है, सी.डब्ल्यू.सी. बैंच के अध्यक्ष जिनेन्द्र कुमार जैन व सदस्य श्रीमति उमा मिश्रा, विनय राहुरीकर, दीपक शिवहरे व रवि गोयल ने बच्चों के सर्वोत्तम हित में सभी व्यापारिक संस्थानों केा आगाह किया है कि अधिनियम की धारा 77 व 78 का किसी प्रकार उल्लंघन न करें।
अन्यथा की स्थिति में आगामी कार्यवाही सुनििश्चत की जा सकती है। इस हेतु संचालनालय म.बा.वि. भोपाल द्वारा भी पत्र क्रमांक/486/08.06.2017 के माध्यम से विशेष निर्देश समस्त जिलों को जारी किये गये हैं। कुछ दुकानदार लालच व प्रलोभनवश सिलोचन व अन्य नशीली सामग्री व ऐसिड विक्रय करते है, उनको भी चाहिये कि वह ऐसा कतई न करें और पहिले बच्चों के हित में सोचें यही मानवीयता है।