
एनजीटी के जज दलीप सिंह ने कलेक्टर को यह निर्देशित किया है की शिवपुरी शहर के तालाबों के रेवेनुए रिकॉर्ड की जांच की जाए एवं पता करें की सिंधिया स्टेट के समय से तालाबों के क्षेत्रफल एवं पार में क्या किसी भी प्रकार का अतिक्रमण हुआ है। कलेक्टर को यह निर्देशित किया है की वह खुद जाकर तालाबों का निरिक्षण करें एवं जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार कर प्रस्तुत करें।
कलेक्टर को यह भी कहाँ गया है की तालाबों के आस पास बने मैरिज गार्डन के रेवेनुए रिकॉर्ड देखे जाएँ और अगर वे अतिक्रमण में हैं तो उन पर कार्यवाही की जाए। यह भी देखा जाए की म.प्र. प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड से मैरिज गार्डन ने अनुमतियां ली हैं या नहीं। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ग्वालियर खंडपीठ के व.प. 2058/2005 के आदेश में यह आदेश थे की शिवपुरी की सारे तालाबों एवं टैंकों से अतिक्रमण हटाया जाए और रेवेनु, कमिश्नर की अध्यक्षता में एक समिति बनाइ जाए जो की अतिक्रमण हटाने और तालाबों के संरक्षण की मॉनिटरिंग करेगी।
इस आदेश का भी पालन जिला प्रशासन द्वारा नहीं किया गया। इन सभी की सुनवाई हेतु अगली तारीख 19 जुलाई लगाई गई है। जिलाधीश को निर्देशित किया है कि जल्द से जल्द इन सभी तथ्यों की रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की जाए।
दस्तावेजों को देखने के बाद एनजीटी के जज दलीप सिंह ने बताया की प्रतिपक्ष के अनुसार सीवर परियोजना का कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो गया है एवं सीवर प्लांट भी 25 प्रतिशत बन चूका है। जज ने यह भी बताया की प्रतिपक्ष के वकील के अनुसार नालों की सफाई की जा रही है एवं उसमें ऐसी व्यवस्थएं की जायेंगे की कम से कम गन्दा पानी चांदपाठा तालाब में जाए।